कानून व्यवस्था

FRAUD; युवतियों के झांसे में आकर ट्रांसपोर्टर ने गंवाए 72 लाख रुपये,शेयर ट्रेडिंग के नाम पर लागाया चूना

रायपुर. शेयर मार्केट में निवेश पर चार गुना मुनाफा देने का झांसा देकर राजधानी के ट्रांसपोर्टर डाकेश्वर सिंह से 71.50 लाख की ऑनलाइन ठगी हो गई. ट्रांसपोर्टर की सोशल मीडिया में श्रेया नाम की युवती से दोस्ती हुई. उसने शेयर मार्केट की बातें शुरू की और झांसा दिया कि वह ऐसे प्लेटफॉर्म से जुड़ी है जिसमें निवेश करने पर मोटा मुनाफा होता है. उसने कुछ स्क्रीनशॉट भी भेजे और ट्रांसपोर्टर को एक ग्रुप से जोड़ दिया. ट्रांसपोर्टर युवती के झांसे में आ गया. उन्होंने अलग-अलग किश्तों में 19.50 लाख जमा कर दिए. कुछ दिन बाद जब उसने पैसा निकालने की कोशिश की तो श्रेया ने टैक्स जमा करने की बात कही. तब ट्रांसपोर्टर को अहसास हुआ कि वे ठगी के शिकार हो गए हैं.

इसी दौरान सोशल मीडिया पर जुड़ी एक अन्य युवती आराध्या से बातचीत हुई. उसने ट्रांसपोर्टर से कहा कि देश में अभी शेयर मार्केट के नाम पर बहुत ठगी हो रही है. इसलिए किसी पर भरोसा न करें. आराध्या ने दावा किया कि वह अधिकृत कंपनी से जुड़ी हुई है. ट्रांसपोर्टर इस बार भी उसके झांसे में आ गया और 52 लाख से ज्यादा का निवेश कर दिया. अब पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. इस मामले में में सरस्वती नगर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.

के मुताबिक कोटा निवासी डाकेश्वर सिंह (47) का ट्रांसपोर्ट का कारोबार है. जून में उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर श्रेया अग्रवाल की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई. दोनों में वाट्सएप पर बात होने लगी. श्रेया के कहने पर 2 से 15 जुलाई के बीच डाकेश्वर ने 19.50 लाख जमा कर दिए. एप में 78 लाख का मुनाफा दिखने लगा. इसके बाद आराध्या के कहने पर 2 से 15 अगस्त के बीच 52 लाख और जमा कर दिए. दोनों युवतियां बार-बार टैक्स जमा करने का दबाव बनाने लगीं. इसके बाद ही उन्हें ठगी का एहसास हुआ.

पीड़ित ने पुलिस को बताया कि पहली ठगी के कुछ दिन बाद एक अन्य महिला आराध्या अग्रवाल फेसबुक से जुड़ी. कारोबारी ने उसे पहले वाली ठगी की बात बताई. उसने भरोसा दिलाया कि उसका ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म असली है. उसने कारोबारी को भरोसा दिलाया कि उसके ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर निवेश कर फायदा मिल सकता है. कारोबारी ने पांच लाख रुपए लगाए और तुरंत छह लाख रुपए वापस भी मिले. यही भरोसा ठगों की चाल थी. फिर फर्जी ऑनलाइन कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाकर कारोबारी से दो अगस्त से 31 अगस्त के बीच अलग-अलग खातों में 52 लाख रुपए और जमा करा लिए. रकम वापसी मांगी तो पेनाल्टी की बात कहकर टालते रहे. आखिरकार कारोबारी को दूसरी बार ठगी का अहसास हुआ और इस बार एफआईआर दर्ज कराई.

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