कानून व्यवस्था

ओडिसा रेल हादसे पर डीआरएम का बड़ा बयान- ‘सिग्नल के साथ फिजिकल टैम्परिंग की गई’

भुबनेश्वर. ओडिशा ट्रेन दुर्घटना (Odisha Train Accident ) की जांच जारी है। सीबीआई (CBI) के साथ ही रेलवे भी अपने स्तर पर जांच कर रहा है। इस बीच, ओडिशा में खुर्दा के डीआरएम ने विस्फोटक खुलासा किया है।

डीआरएम रिंकेश राय का कहना है कि यदि कोई फिजिकल टैपरिंग मतलब शारीरिक रूप से छेड़छाड़ नहीं करेगा, तो सिग्नल गड़बड़ नहीं हो सकती है। यह तकनीकी रूप से संभव ही नहीं है। उनका स्पष्ट कहना है कि रेलवे में सिग्नल के साथ फिजिकल टैंपरिंग की गई थी, तभी दो ट्रेनें एक पटरी पर आई और भीषण दुर्घटना हुई।

इसलिए जताई जा रही छेड़छाड़ की आशंका

खुर्दा डीआरएम ने कहा कि मुख्य लाइन पर ग्रीन सिग्नल था। प्री-कंडीशन ठीक होती है, तभी ग्रीन सिग्नल मिलता है। अगर कुछ गड़बड़ी होगी तो कभी भी ग्रीन सिग्नल नहीं मिलेगा, लाल बत्ती जलेगी।

डाटा लॉक से स्पष्ट हो चुका है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस जिस मुख्य लाइन पर जाने वाली थी, उस पर ग्रीन सिग्नल था। यही कारण है कि सिग्नल के साथ छेड़छाड़ की आशंका पैदा हो रही है। छेड़छाड़ के बिना यह संभव ही नहीं है कि दो गाड़ियां एक पटरी पर आ जाए। अब रेलवे के अधिकारी अपनी जांच में खुर्दा डीआरएम के बयान को भी शामिल कर रहे हैं और इस दिशा में जांच की जा रही है।

सीबीआई ने मामले की जांच शुरू कर दी है। मंगलवार को सीबीआई की दस सदस्यीय टीम मौके पर पहुंची। वहीं रेलवे भी एक्शन मोड में है। दिल्ली में रेलवे बोर्ड की बैठक हुई, जिसमें तय हुआ कि देशभर के स्टेशनों पर सिग्नलिंग की जांच की जाएगी।

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