Foods

असम में फेडरेशन राइस मिलर्स की बैठक में फोर्टिफाइड चावल खरीदी योजना में समस्या को लेकर हुई चर्चा

रायपुर, असम के गुवाहाटी में ‘द फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया राइस मिल मिलर्स’ की बैठक में सीएमआर चावल खरीदी के लिए फोर्टिफाइड चावल और धान से चावल बनाने में चावल रिकवरी कम मिलने का मुद्दा प्रमुख रहा। बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य से फेडरेशन के राष्ट्रीय सदस्य योगेश अग्रवाल, महासचिव विजय तायल और सचिव प्रमोद जैन शामिल हुए।

सचिव प्रमोद जैन ने बताया कि चावल का सैंपल एफसीआई की तरफ से निर्धारित मापदंड जांच कर स्वीकार किया गया। इसके बाद मिलर्स की बिना जानकारी के चावल का सैंपल लेकर उन्हें FFSAI द्वारा अधिकृत NABL लैब में जाँच रिपोर्ट के आधार पर मानक स्तर का फोर्टिफाइड नहीं मिलने पर रिजेक्ट कर दिया। जब मिलर्स ने इसके खिलाफ निर्धारित समयावधि में अपील की तो सैंपल की जांच सीधे भारत सरकार के खाद्य विभाग द्वारा दूसरे एनएबीएल लैब से कराई गई। जिसमें निर्धारित समय तक मिलर्स को रिपोर्ट ना देकर बहुत ही विसंगतिपूर्ण, संदेहास्पद रिपोर्ट देकर दोबारा चावल स्टेक को अमानक बताकर सभी राज्यों में सैकड़ों स्टेक को फेल किया गया।

बैठक में हुई चर्चा का हवाला देते हुए सचिव प्रमोद जैन ने बताया कि भारत सरकार की फोर्टिफाइड चावल खरीदी योजना में मिलर्स का काम केवल 1% FRK का मिक्सिंग करने का होता है। जिसमें विटामिंस होते हैं। इसके लिए जो एफआरके मिलर्स को प्राप्त होता है वह या तो सरकार FRK निर्माता से टेंडर के ज़रिये लेती है या कुछ राज्यों में मिलर्स FRK निर्माता से खरीदकर जमा कराता है। जिसका पैसा उसे मिलता है।

एफआरके निर्माता खरीद के समय मिलर्स को एनएबीएल प्रयोगशाला से प्रमाण पत्र देता है कि एफआरके सही गुणवत्ता का है। जब क्रय के समय हमें प्राप्त एफआरके की गुणवत्ता सही पाई गई और मिलर्स एफआरके निर्माता भी नहीं है तो किसी अन्य जांच में मिलर्स को दोषी माना जाता है। चावल का स्टेक अस्वीकृत कर मिलर्स को दिया जाता है। लाखों का नुकसान सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्होंने सही गुणवत्ता का एफआरके मुक्स नहीं किया। यह बिल्कुल एकतरफ़ा, अव्यहारिक, दोषपूर्ण और अन्यायपूर्ण निर्णय है। इस संबंध में प्रभावित मिलर्स की ओर से फेडरेशन को शिकायत की गई है। आने वाले समय में इस महत्वपूर्ण योजना के प्रभाव के बारे में सरकार को हर स्तर पर जानकारी दी जाएगी।

Narayan Bhoi

Narayan Bhoi is a veteran journalist with over 40 years of experience in print media. He has worked as a sub-editor in national print media and has also worked with the majority of news publishers in the state of Chhattisgarh. He is known for his unbiased reporting and integrity.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button