ACTION; अवैध धान परिवहन के खिलाफ किसानों ने खरीदी केंद्र में जमकर मचाया हंगामा, 4 वाहन समेत 250 बोरा धान जब्त
रायपुर, ओडिशा से अवैध परिवहन के जरिए छत्तीसगढ़ पहुंच रहे धान को लेकर अब गरियाबंद जिले के किसानों ने मोर्चा खोल दिया है। राज्य में धान खरीदी शुरू के डेढ़ माह बाद आज पहली बार निष्टीगुड़ा खरीदी केंद्र में दहीगांव के किसान धान बेचने पहुंचे, लेकिन 16 गांव के किसान प्रतिनिधियों ने हंगामा कर उनकी धान खरीदी को रुकवा दिया। मामला तूल पकड़ता देख एसडीएम ने किसानो की मांग पर धान बेचने वाले किसानों के रकबे की जांच करने का फैसला किया है।
जानकारी के मुताबिक आज गरियाबंद जिले के निष्टिगुड़ा खरीदी केंद्र में दहिगांव के 7 किसान 252 क्विंटल धान बेचने पहुंचे थे। इस दौरान धान की बिक्री शुरू होती उससे पहले निष्टीगुड़ा और झिरिपानी समिति के अधीन आने वाले 18 में से 16 गांव के किसानों ने खरीदी केंद्र पहुंच जमकर हंगामा मचाया। किसान संघ अध्यक्ष कृष्ण नागेश, शिव कुमार नायक समेत धरने पर बैठे। लगभग 200 किसानों का आरोप है कि क्षेत्र में उत्पादन प्रभावित है, इसलिए बेचने वाले किसानों ने ओडिशा से धान मंगवाया है।
गौरतलब है कि किसानों ने 15 दिन पहले भी दहिगांव में बिचौलिए के काम में लगे वाहन का नंबर प्रशासन को देकर कार्यवाही की मांग की थी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके बाद आज सुबह 8 बजे सभी किसान एकत्रित होकर खरीदी केंद्र पहुंचे और खरीदी बंद करवाया। किसानों ने धान बेचने वाले किसानों के रकबे, अनावरी रिपोर्ट के मिलान के बाद ही धान खरीदी करने की मांग की है।
सरायपाली में धान व रेत के अवैध परिवहन पर जब्ती की कार्रवाई
इधर महासमुन्द कलेक्टर प्रभात मलिक के निर्देश पर अवैध धान तथा रेत खनिज के अवैध खनन व परिवहन पर निरंतर कार्रवाई जारी है। मंगलवार को देर रात सरायपाली के अनुविभागीय अधिकारी ओंकारेश्वर सिंह के आकस्मिक निरीक्षण के दौरान ग्राम माधोपाली के निकट लगभग 40 क्विंटल धान का अवैध परिवहन करते पाए जाने पर गाड़ी सहित धान को जब्त कर मंडी के सुपुर्द किया गया।
इसी तरह ग्राम कुटेला के पास एक डम्पर में अवैध रूप से गिट्टी परिवहन करते पाए जाने पर जब्त कर थाना में सुपुर्द किया गया। ग्राम केना के पास एक डम्पर में अवैध रूप से रेत परिवहन करते पाए जाने पर जब्त कर थाना में सुपुर्द किया गया। उल्लेखनीय है कि उड़ीसा सीमा से लगे अंतर्राज्यीय चेक पोस्ट के माध्यम से 24 घंटे निगरानी की जा रही है।