POLITICS; बीडी बुझई दे… बीड़ी म बड़ी आग है!

ब से बीडी ब से बिहार, दोनों पाप हैं – केरल कांग्रेस इकाई ने बिहार और बीडी को जीएसटी के संदर्भ में जोड़कर कहा (वैसे भी दक्षिण के राज्यों का हिंदी और हिंदी भाषी क्षेत्रों के लोगों के प्रति भाषाई नफरत जग जाहिर है)। उनकी अंग्रेजी का भी अनर्थ हो गया।
बिहार में विधान सभा चुनाव नजदीक है। हर पार्टी मैदान में विकेटकीपर के अलावा सात स्लिप दो गली की फिल्डिंग लगाए बैठा है। कांग्रेस ने वोट चोरी का एक कैच पकड़ कर बढ़त बनाई थी लेकिन प्रधानमंत्री को मां की गाली और अब बीड़ी और बिहार जैसे दो आसान कैच देकर पिछड़ गई है।
बीडी और बिहार का मामला इतना हाई प्रोफाइल मामला हो गया कि आनन फानन माफीनामा का दौर शुरू हो गया। राजनीति के मंच पर ऐसा हमेशा होता है कि खंडन करने वाला ये जरूर बताता है कि उसने जो बात कही है उसका भावार्थ कुछ और है और अर्थ कुछ के कुछ निकाला जा रहा है। बीडी और बिहार को लेकर भी ऐसा ही कहा गया। बहरहाल बीड़ी जल चुकी है तो जब तक बुझाई न जाए, जलते रहती है। बुझा भी दी जाए तो राख की गर्मी बनी रहती है।
हमारे देश में आजकल भाषाई अस्मिता का दौर चल रहा है। महाराष्ट्र और कर्नाटक आगे चल रहे है। महाराष्ट्र में भी स्थानीय चुनाव नजदीक है तो कर्नाटक में कमल हासन के इस बयान पर कि “तमिल भाषा से ही अन्य दक्षिण भाषाओं का जन्म हुआ है।” भृकुटी ताने हुए है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन, का विरोध तो और भी तगड़ा है।
वैसे वोट अधिकार यात्रा में स्टालिन भी बिहार घूम आए है।
बीडी,भारत के मजदूर वर्ग के लिए थकान से मुक्ति पाने का एक सरल, सस्ता साधन है । तेंदू के पत्ते में तंबाखू को लपेट कर बीड़ी बनाई जाती हुई। बिहार का सशक्त मजदूर तबका राष्ट्र के निर्माण कार्य में सबसे बड़ा वर्ग है। देश के हर हिस्से में बिहार है। उनकी अस्मिता पर बीड़ी के माध्यम से चोट नहीं किया जा सकता था लेकिन चोट कर दिया गया।
थूक कर चाटने से थूक वापस नहीं जाती है। केरल कांग्रेस इकाई ने भले ही पोस्ट हटा लिया लेकिन बीड़ी जल चुकी है। विवाद की बीड़ी को बुझाने के लिए माफीनामा आ गया है। केरल के साथ साथ बिहार कांग्रेस भी हाथ जोड़े खड़ा है।”अगर” जैसा शब्द याने सशर्त माफीनामा है, बिहार वाले मानते है या नहीं ये उन पर निर्भर करता है। कांग्रेस के गठबंधन आरजेडी ने भारी नाराजगी जाहिर कर अपना पक्ष खुला रख दिया है इसके बाद ही घटनाक्रम बदला है।
कांग्रेस के लिए परेशानी ये है कि उनके नेता राहुल गांधी की जुबान भी फिसलते रहती है। तू तडाक की भाषा के चलते उनका अलग फजीहत हो रही है। ओंकारा फिल्म में गुलज़ार ने एक गाना लिखा हुआ है” बीड़ी जलइले जिगर से पिया ,जिगर में बड़ी आग है। अब बिहार जिगर बन गया है। वैसे बीड़ी हर राज्य में बनती है | अविभाजित मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर के मोहनलाल हरगोविंद दास की शेर बीडी पूरे भारत में विख्यात रही है। इस शहर के बीडी फैक्ट्री का उल्लेख पचास साल पहले बनी फिल्म शोले में भी हुआ है । फिलहाल बिहार में बीड़ी सुलगी हुई है।
स्तंभकार- संजय दुबे