EOW; आईएफएस अधिकारी समेत 14 को बनाया आरोपी, तेंदूपत्ता बोनस घोटाले में चालान पेश
चालान पेश

रायपुर, छत्तीसगढ़ में राज्य आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने मंगलवार को सुकमा जिले में तेंदूपत्ता बोनस में गबन के मामले में कथित संलिप्तता के लिए भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के अधिकारी अशोक कुमार पटेल और 13 अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। वन मंडलाधिकारी श्री पटेल को इसी साल 17 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था।
ईओडब्ल्यू के बयान में कहा गया है कि लगभग 4,500 पृष्ठों का यह आरोपपत्र दंतेवाड़ा की एक विशेष अदालत में दाखिल किया गया, जिसमें उन्हें आरोपी बनाया गया है। आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने पहले कहा था कि पटेल ने कथित तौर पर अपने पद का दुरुपयोग किया और वन विभाग के अधिकारियों तथा विभिन्न प्राथमिक लघु वनोपज समितियों के प्रबंधकों व पदाधिकारियों के साथ मिलीभगत करके, वर्ष 2021 और 2022 के लिए तेंदूपत्ता तोड़ने वालों को प्रोत्साहन पारिश्रमिक के रूप में वितरित किए जाने वाले लगभग 7 करोड़ रुपये के एक बड़े हिस्से का गबन किया। गबन की गई राशि का एक हिस्सा कथित तौर पर कुछ निजी व्यक्तियों को भी दिया गया।
इस मामले के सिलसिले में राजशेखर पुराणिक के सुकमा स्थित आवास से 26.63 लाख रुपये नकद जब्त करने के अलावा, 10 अप्रैल को 12 परिसरों पर छापेमारी के बाद पटेल को गिरफ्तार किया गया। छापेमारी में पूर्व भाकपा विधायक मनीष कुंजम और प्राथमिक लघु वनोपज समितियों के प्रबंधकों के परिसर भी शामिल थे। छापेमारी के दौरान मामले से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, कई बैंक खाते और निवेश संबंधी दस्तावेज भी बरामद किए गए।
इसके अलावा, पटेल के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का एक अलग मामला दर्ज किया गया था, जिसकी जाँच चल रही है। श्री पटेल को बाद में निलंबित कर दिया गया था। पिछले महीने, एजेंसी ने तीन उप वन रेंजरों – चैतूराम बघेल, देवनाथ भारद्वाज और पोडियामी इदिमा (हिडमा) और एक वन रक्षक, मनीष कुमार बारसे को गिरफ्तार किया था।
इसके अलावा, इस मामले में नौ प्रबंधकों, पयम सत्यनारायण उर्फ शत्रु, मोहम्मद शरीफ, सीएच रमना (चित्तूरी), सुनील नुप्पो, रवि कुमार गुप्ता, अयातु कोर्सा, मनोज कवासी, बी संजय रेड्डी और पुराणिक को भी गिरफ्तार किया गया था। अब तक, EOW की जाँच से पता चला है कि 17 में से आठ समितियों से 3.92 करोड़ रुपये की राशि का गबन किया गया, जिससे राज्य सरकार के खजाने को वित्तीय नुकसान हुआ।