FRAUD; क्या राजा क्या राष्ट्रपति.. रक्षा मंत्री बन ठग उस्ताद ने कर दिए 500 करोड़ गोल, इसके आगे नटवरलाल भी फेल, फिल्म भी बन चुकी

नईदिल्ली, 558.94 करोड रुपये… यह वह रकम है, जिसे एक शातिर ठग ने गोल कर दिया। करीब 558 करोड़ रुपये (55 मिलियन यूरो)। एक ऐसा शख्स जिसकी कारगुजारियों को सुन आप नटवरलाल को भी भूल जाएंगे। राजा हो या राष्ट्रपति बड़ी कंपनी का मालिक, इस ठग ने किसी को नहीं छोड़ा। एक दिन पहले ही गाजियाबाद से एक ठग का खुलासा हुआ। ये शख्स गाजियाबाद में किराए के मकान से उन देशों का दूतावास चला रहा था जो नक्शे में है ही नहीं, हर्षवर्धन जैन की इन्हीं कारगुजारियों ने हमें एक ऐसे ठग की याद दिला दी है, जिसने पूरी दुनिया को हिला दिया था।
इस ठग का नाम है गिल्बर्ट चिकली ( Gilbert Chikli )। इस शख्स ने महज एक सिलिकॉन मास्क के साथ दुनिया के बड़े-बड़े लोगों को चूना लगा डाला। उसने बड़े-बड़े दिग्गजों को विश्वास दिला दिया कि वो फ्रांस का रक्षा मंत्री जीन वेस ली-ड्रायन ही है। इस तरह उसने एक के बाद एक 55 मिलियन यूरो की ठगी कर डाली। मगर एक छोटी सी चूक ने उसे जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।

ऐसे होता था काम
गिल्बर्ट चिकली ने एक गैंग बनाया। यह गैंग प्रभावशाली लोगों, नेताओं को यह यकीन दिलाता कि उनकी बात फ्रांस के रक्षा मंत्री से हो रही है। गैंग का एक सदस्य पहले खुद को रक्षा मंत्री का करीबी अधिकारी बताता और कॉल करता। बिजनेस डील, दूसरे देशों में किडनैप हुए फ्रांसीसी नागरिकों को छुड़ाने के लिए पैसा या हथियार खरीदने की डील के नाम पर ये लोग ठगी करते। पहले सामने वाले व्यक्ति को यह यकीन दिला दिया जाता कि फोन पर उसकी बात रक्षा मंत्री से ही हो रही है।
वीडियो कॉल के जरिए रक्षा मंत्री से बात
फिर असली खेल शुरू होता। सब कुछ सच लगे, इसलिए वीडियो कॉल के जरिए रक्षा मंत्री से बात कराने के लिए मीटिंग फिक्स की जाती। आवाज तो ठीक लेकिन रक्षा मंत्री के चेहरे का क्या? इसके लिए हूबहू रक्षा मंत्री के चेहरे का सिलिकॉन मास्क बनवाया गया और गिल्बर्ट उसे पहन लेता। बैकग्राउंड में झंडे, तस्वीरें सब बिल्कुल फ्रांसीसी रक्षा मंत्री के ऑफिस जैसी। चोरी पकड़ी न जाए, इसलिए खराब इंटरनेट सिग्नल का इस्तेमाल किया जाता ताकि क्वालिटी साफ न रहे। साथ ही कैमरे को दूर रखा जाता।
राजा हो या राष्ट्रपति.. किसी को नहीं बख्शा
ठगी के इस खेल में बड़े-बड़े लोग फंसते चले गए। बेल्जियम के किंग फिलिप, गोबान के राष्ट्रपति अली बोंगो, मुस्लिम लीडर आगा खान, तुर्की के मशहूर बिजनेसमैन इनान किराक समेत कई बड़ी कंपनियों के मालिक ठगी के शिकार होते चले गए। गिल्बर्ट रुकने को तैयार नहीं था। एक मामले में तो उसने ट्यूनिशिया के साथ फर्जी हेलीकॉप्टर डील तक कर डाली और पैसा अपने अकाउंट में ट्रांसफर कराता रहा।
ऐसे पकड़ी गई चोरी
कहते हैं शातिर से शातिर चोर भी कहीं न कहीं गलती कर बैठता है। गिल्बर्ट से भी कुछ ऐसा ही हुआ। उसने सेनेगल के राष्ट्रपति मैकी सैल को ठगने की साजिश रची। उसने फोन भी घुमाया, लेकिन यहीं वो गलती कर बैठा। उसने पारंपरिक फ्रांसीसी अंदाज में राष्ट्रपति के लिए कुछ सम्मानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। लेकिन वो इस बात से अनजान था कि मैकी और ली ड्रायन दरअसल बहुत ही अच्छे दोस्त हैं। उनके बीच औपचारिकता नहीं होती।
फिर भी बच निकला
फ्रांस के इस शातिर चोर की कलई खुल गई थी। लेकिन ये पुलिस के शिकंजे से बच निकला और इजरायल भाग गया। फ्रांस की अदालत में उसे सजा सुनाई गई, लेकिन उसका कोई मतलब नहीं था क्योंकि इजरायल के साथ प्रत्यर्पण संधि नहीं थी। वो आराम से नई साजिश रचने में जुट गया।
एक गलती से पहुंचा सलाखों के पीछे
गिल्बर्ट चिकली की जिंदगी बहुत ही ऐशो-आराम से कट रही थी। लेकिन जरूरत से ज्यादा आत्मविश्वास उसे ले डूबा। 2017 में वह इजरायल से यूक्रेन आ पहुंचा। इस बार उसकी प्लानिंग मोनाको का प्रिंस बनकर जालसाजी करने की थी। मगर वह यह भूल गया कि वह अभी भी फ्रांसीसी पुलिस के रडार पर है और यूक्रेन के साथ उनकी संधि है। उसे यूक्रेन में गिरफ्तार कर लिया गया और जल्द ही फ्रांस की कोर्ट में पेश किया गया। 2020 में उसे 11 साल की सजा हुई। इस शख्स की कहानी पर डॉक्यूमेंट्री भी बन चुकी है और नेटफ्लिक्स पर The Masked Scammer के नाम से मौजूद है।