DAP;छत्तीसगढ के किसान खाद की कमी से जूझ रहे,धान फसल पर पडेगा असर, आंदोलन की तैयारी में किसान
संकट

रायपुर, छत्तीसगढ़ में डीएपी (DAP) खाद की भारी कमी है, जिससे किसानों को परेशानी हो रही है।कई सहकारी समितियों में डीएपी उपलब्ध नहीं है, और किसानों को निजी दुकानों से अधिक कीमतों पर खरीदना पड़ रहा है। कुछ क्षेत्रों में, सरकार डीएपी की जगह एनपीके (NPK) खाद दे रही है, लेकिन एनपीके भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है। प्रदेस्गश के कई जिलों में, सहकारी समितियों में डीएपी खाद उपलब्ध नहीं है, जिससे किसानों को परेशानी हो रही है। जब सहकारी समितियों में खाद उपलब्ध नहीं होती है, तो किसानों को निजी दुकानों से अधिक कीमतों पर खरीदना पड़ता है। खाद की कमी से किसानों को अपनी फसलों की बुवाई और खाद डालने में देरी हो रही है, जिससे उनकी पैदावार पर असर पड़ सकता है। भारत में डीएपी खाद का उत्पादन सीमित है, और मांग के अनुसार पर्याप्त उत्पादन नहीं हो पा रहा है। भारत डीएपी खाद के लिए आयात पर निर्भर है, और लाल सागर संकट के कारण आयात में कमी आई है।
जिले की 55 समितियों में DAP बिल्कुल नहीं
बेमेतरा के किसान इन दिनों खाद (DAP Fertilizer) के लिए दर-दर भटक रहे हैं. खाद को लेकर समिति प्रबंधकों और किसानों के बीच तकरार बढ़ रही है. हालांकि, बेमेतरा जिला प्रशासन ने राज्य सरकार से खाद की मांग की थी. लेकिन जितनी मांग की गई थी,उससे काफी कम खाद मिली है। दरअसल, बेमेतरा जिला प्रशासन ने राज्य शासन से 63370 मीट्रिक टन खाद की मांग की थी. लेकिन 34216 क्विंटल ही खाद मिला है. खाद के मिले स्टॉक में DAP की मात्रा और भी कम है. जिले की 102 समितियों के माध्यम से खाद वितरण का काम किया जा रहा है. मिली जानकारी के अनुसार, जिले की 55 समितियों में DAP बिल्कुल नहीं है. इसके अलावा किसानों को समिति दूसरी खाद दे रही है. इसका किसान विरोध कर रहे हैं.
40 ग्रामों के किसानों को देने मांग के मुकाबले महज 31 प्रतिशत खाद ही पहुंचा 7 सोसायटियों में
रायपुर जिले के मंदिर हसौद सहकारी बैंक शाखा के अधीन आने वाले 6 सोसायटियों के अंतर्गत आने वाले 40 ग्रामों के किसानों को सामयिक खाद उपलब्ध कराने मांग के मुकाबले महज 31 प्रतिशत खाद ही अब तक इन सोसायटियों में पहुंचा है जबकि इसके विपरीत कृषि विभाग सोसायटियों में खाद की पर्याप्त भंडारण होने का दावा कर रहा है । ज्ञातव्य हो कि शासन ने इस कृषि सत्र में देश में डी ए पी खाद आपूर्ति की समस्या होने की जानकारी देते हुये किसानों को इसके स्थान पर वैकल्पिक खाद उपयोग करने की सलाह देते हुये वैकल्पिक खाद उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था लेकिन ऐन बोनी के वक्त भी किसानों को सोसायटियों से वैकल्पिक खाद नहीं मिल रहा व किसान खाद के लिये भटक रहे हैं ।
खाद उपलब्ध न होने पर उत्पादन प्रभावित होगा
इस बैंक शाखा के अधीन ग्रामों के खाद के लिये भटकते किसानों से रूबरू होने व सोसायटियों से जानकारी एकत्रित करने के बाद किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेंद्र शर्मा ने जानकारी दी है कि मांग के अनुरूप डी ए पी अथवा उसके बदले वैकल्पिक खाद के रूप में गोढ़ी सोसायटियों में महज 31 प्रतिशत , पलौद सोसायटी में 13 प्रतिशत , टेकारी सोसायटी में 20 प्रतिशत , मंदिर हसौद सोसायटी में 50 प्रतिशत , खुटेरी सोसायटी में 26 प्रतिशत , गनौद सोसायटी में 58 प्रतिशत व बरौदा सोसायटी में 28 प्रतिशत के आसपास ही खाद पहुंच पाया है जिसका की उठाव किसान कर चुके हैं और सोसायटियों का गोदामो में यह खाद नहीं है । इन सोसायटियों के लिये मनोनीत प्राधिकृत अध्यक्षो व समिति प्रबंधकों से इस सामयिक खाद की मांग को ले जरूरतमंद किसानों का लगभग रोजाना तनातनी होने की जानकारी देते हुये उन्होंने कहा है कि अविलंब खाद उपलब्ध न होने पर उत्पादन प्रभावित होगा ।
किसान आंदोलन करेंगे
इस मामले में पूर्व कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा है कि सुशासन की सरकार में किसान हित पर सोचने वाला कोई नेता नहीं है इसलिए खाद और DAP की कमी से जूझ रहे किसान अब आंदोलन करने की तैयारी में है। मीडिया से चर्चा के दौरान रवींद्र चौबे ने बीजेपी की साय सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने प्रदेश में DAP और खाद की कमी से परेशान किसानों के संकट के लिए सरकार में बैठे नेताओं को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि नेता ये तय ही नहीं कर पाये कि कब बैठक कर व्यवस्था करनी है. आज तक किसानों को DAP एडवांस में उपलब्ध नहीं कराया गया है, लेकिन आज DAP की कलाबाजारी चल रही है. समय रहते किसानों को यदि खाद की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं कराई गई तो खरीफ फसलों को भारी नुकसान झेलना होगा।