POLITICS; भाजपा विधायक ईश्वर साहू के पीएसओ, पीए और ऑपरेटर ने किया स्वेच्छानुदान का बंटाधार !… रिश्तेदारों के नाम वाली सूची वायरल

रायपुर, छत्तीसगढ़ के भाजपा विधायक ईश्वर साहू इन दिनों स्वेच्छानुदान राशि के वितरण में भेदभाव को लेकर चर्चा में हैं. इस चर्चा के पीछे बड़ी वजह उनके पीएसओ, पीए और ऑपरेटर की हरकतें भी हैं. आरोप है कि विधायक की सुरक्षा से लेकर निजी काम-काज देखने वाले इन तीनों ने मिलकर स्वच्छेदानुदान घोटाला कर दिया है. आरोपों का आधार स्वेच्छानुदान के वितरण से जुड़ी वायरल सूची है.
बताया जा रहा है कि इस सूची में शामिल जो हितग्राही हैं, उनमें से अधिकतर पीएसओ ओम साहू, पीए दिग्विजय केशरी, अनुज वर्मा और ऑपरेटर धीरज पटेल के रिश्तेदार हैं. यहीं नहीं कुछ नाम विधायक ईश्वर साहू के अपने रिश्तेदारों के भी हैं. वहीं इस पर सियासत भी शुरू हो गई है. इस वायरल सूची को कांग्रेस ने सोशल मीडिया में पोस्ट करते हुए तंज कसा है.

ईश्वर साहू के पीएसओ ओम साहू पर आरोप है कि उन्होंने स्वच्छेदानुदान पाने वाले हितग्राहियों में अधिकतर उनके रिश्तेदार शामिल हैं. ओम साहू ने मिलीभगत कर अपने रिश्तेदारों में स्वेच्छानुदान की राशि बंटवा दिया. ऐसे करीब 20 से अधिक नजदीकी रिश्तेदारों के नाम शामिल हैं, जिन्हें 40 हजार, 30 हजार, 25 हजार और 20 हजार रुपये तक दिए गए हैं. सूची में शामिल लगभग सभी हितग्राहियों के उपनाम साहू है. और सभी का संबंध ओम साहू से बताया गया है.

इसी तरह से विधायक के PA दिग्विजय केशरी के रिश्तेदारों का नाम भी सूची में शामिल है. सूची में शामिल करीब 7 हितग्राहियों का संबंध दिग्विजय से बताया गया है. इनमें भतीजा, साढ़ू और अन्य शामिल हैं. इन हितग्राहियों को 40 हजार, 30 हजार और 25 हजार तक स्वेेच्छनुदान दिया गया है. बता दें अभी दो दिन पहले छत्तीसगढ क्रेडा अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी के पीए की करतूतों का पर्दाफाश हुआ था.
गरीब का बेटा बना विधायक, इसलिए कांग्रेसियों के पेट में दर्द
स्वेच्छा अनुदान की वायरल सूची को लेकर साजा विधायक ईश्वर साहू ने कहा कि गरीब परिवार का बेटा विधायक बन गया है, इसलिए कांग्रेसियों के पेट में दर्द हो रहा है. यह सब उनकी रणनीति है. बताया कि उनके पास जो भी अपनी पीड़ा लेकर आता है, आर्थिक सहायता की मांग करता है, वह उनका नाम आगे बढ़ाते हैं. इसमें मैंने कभी कांग्रेस या भाजपा नहीं किया है. अब तक 2 हजार से अधिक लोगों का नाम भेजवा चुका हूं. जिनका भी पैसे आता है, उनको फोन के माध्यम से बुलाकर दे दिया जाता है.
राम राज की बात है, जितना लूट सको तो लूट लो -पीसीसी चीफ दीपक बैज
इस पूरे मामले को लेकर के पीसीसी चीफ दीपक बैज हमलावर नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि माले मुफ्त दिले बेरहम… राम राज की बात है, जितना लूट सको तो लूट लो. स्वेच्छानुदान जरूरत मंदों के लिए होता है. विधायक तो बंदरबांट में लगे हैं. नारियल और तीन प्रतिशत की बात तो दिल्ली तक पहुंची है. ऐसे मामलों में कार्रवाई नहीं हुई तो समझो कि इसमें बड़े लोग भी शामिल हैं.