Mahadev Satta; कारोबारी नितिन ने सट्टे की रकम शेयर बाजार में की निवेश, अमित ने ब्याज पर चलाई
रायपुर, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महादेव सट्टा एप से जुड़े दो कारोबारियों रायपुर निवासी अमित अग्रवाल और कोलकाता निवासी नितिन टिबरेवाल को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपित 17 जनवरी तक ED की रिमांड पर हैं। ED ने शनिवार को बयान जारी कर जानकारी देते हुए बताया है कि गिरफ्तार कारोबारियों के विदेश में बैंक अकाउंट हैं। नितिन ने सट्टे की बड़ी रकम शेयर बाजार में निवेश की है। दोनों से दूसरे दिन घंटों पूछताछ चली है।
ED ने कहा कि महादेव सट्टा एप मामले में अब तक पौने छह सौ करोड़ सीज किए गए हैं। इसके साथ ही दो प्रापर्टी अटैच करने की जानकारी दी है। ED की जांच में यह बात सामने आई है कि नितिन ने ब्लैकमनी देश के अलावा विदेश के बैंकों में जमा की है। साथ ही अमित अग्रवाल द्वारा सट्टे की रकम को ब्याज में चलाए जाने की जानकारी ED को मिली है। अमित अग्रवाल महादेव सट्टा एप के पार्टनर अनिल अग्रवाल का भाई है।
करणों की जांच के बाद गिरफ्तारी
बयान के मुताबिक महादेव सट्टा एप मामले में छत्तीसगढ़, विशाखापत्तनम और देश के अन्य राज्यों में दर्ज प्रकरणों की जांच के बाद अमित अग्रवाल और नितिन टिबरेवाल की गिरफ्तारी की गई है। ED के अनुसार आनलाइन महादेव बैटिंग एप एक सिडिकेंट है, जो अलग-अलग वेवसाइट में नए उपयोगकर्ताओं को नामांकित करने, उपयोगकर्ता की आइडी बनाने और बेनामी बैंक खातों के एक स्तरित वेब के माध्यम से धन की हेराफेरी करने में सक्षम बनाने के लिए आनलाइन प्लेटफार्म की व्यवस्था करता है।
नितिन ने खरीदा है शेयर
ED की जांच में सामने आया है कि नितिन टिबरेवाल मेसर्स टेकप्रो आइटी साल्यूशंस लिमिटेड के बहुसंख्यक शेयरधारक हैं। जांच से पता चला कि यह कंपनी महादेव आनलाइन बुक के लिए फ्रंट के रूप में काम कर रही थी और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश के माध्यम से भारत में अवैध संचालन करने में मदद करता था।
पत्नी के नाम पर संपत्ति
ED की जांच में पता चला कि अमित अग्रवाल, अनिल अग्रवाल का भाई है, जो महादेव आनलाइन बुक में पार्टनर भी है। अमित अग्रवाल ने जानबूझकर महादेव आनलाइन बुक से प्राप्त अपराध की आय का उपयोग अपने और अपनी पत्नी के नाम पर संपत्ति खरीदने में किया है। उसके और उसकी पत्नी के बैंक खातों में नकदी के बदले 2.5 करोड़ रुपये हैं। निदेशालय के समक्ष दर्ज किए गए बयानों में उन्होंने कहा कि ये बैंक प्रविष्टियां ऋण हैं, हालांकि लेन-देन में शामिल एंट्री आपरेटर ने सच्चाई का राजफाश किया।