NEET; पेपर लीक विवाद के बीच शिक्षा मंत्रालय ने किया हाई लेवल कमेटी का गठन,पूर्व इसरो प्रमुख करेंगे अध्यक्षता
नई दिल्ली, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षाओं के पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन को सुनिश्चित करने के लिए विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। यह कदम ऐसे समय उठाया जा रहा है जब NEET-UG और UGC NET सहित कई परीक्षाओं के पेपर लीक को लेकर विवाद एक हफ्ते से अधिक समय से जारी है। बता दें कि इस कमेटी की अध्यक्षता इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के राधाकृष्णन समेत 6 विशेषज्ञों द्वारा की जाएगी।
इसरो के पूर्व अध्यक्ष और आईआईटी कानपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन 7 विशेषज्ञों के पैनल का नेतृत्व करेंगे। पैनल के अन्य सदस्यों में शामिल हैं:
- एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया
- हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी. जे. राव
- आईआईटी मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर एमेरिटस प्रो. राममूर्ति के.
- पीपल स्ट्रॉन्ग के सह-संस्थापक और कर्मयोगी भारत के बोर्ड सदस्य पंकज बंसल
- आईआईटी दिल्ली के डीन स्टूडेंट अफेयर्स प्रो. आदित्य मित्तल
- शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल
शिक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के माध्यम से परीक्षाओं का पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी की संरचना और कार्यप्रणाली पर सिफारिशें करने के लिए विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।
0 ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 छात्रों के लिए रविवार को फिर होगी नीट-पीजी
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) उन 1,563 छात्रों के लिए रविवार को मेडिकल में प्रवेश की राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) का फिर से आयोजन करेगा जिन्हें छह केंद्रों पर समय की बर्बादी की वजह से ग्रेस मार्क्स प्रदान किए गए थे। विवाद की वजह से एनटीए ने इन अभ्यर्थियों के ग्रेस मार्क्स निरस्त कर दिए थे।एनटीए अधिकारियों के अनुसार, 1,563 अभ्यर्थियों के लिए रविवार को निर्धारित पुन: परीक्षा सात केंद्रों पर आयोजित की जाएगी। एक वरिष्ठ एनटीए अधिकारी ने बताया, ‘सभी अन्य परीक्षा केंद्रों को बदल दिया गया है, लेकिन चंडीगढ़ में एक केंद्र वही रहेगा जहां सिर्फ दो अभ्यर्थी ही परीक्षा में सम्मिलित होंगे। इसके अलावा एजेंसी और शिक्षा मंत्रालय के अधिकारी भी इन केंद्रों पर उपस्थित रहेंगे। यह कदम पुन: परीक्षा के सुचारू संचालन के लिए उठाया गया है।’