POLITICS;नितिन गडकरी बोले-मैं अपने तरीके से काम करूंगा, भले ही मुझे मंत्री पद गंवाना पड़े…
गडकरी

नागपुर, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी खरी-खरी बात करने के लिए जाने जाते हैं. वह कई बार कह चुके हैं कि वह अपनी शर्तों पर राजनीति करते हैं. कुछ भी हो जाए वह अपनी राजनीति के कुछ वसूलों से कोई समझौता नहीं कर सकते हैं. भले ही उनको इस कारण चुनाव हारना पड़ जाए या फिर मंत्री पद ही गंवाना पड़ जाए. उनके इन बातों के कई मायने निकाले जा रहे है.
शनिवार को अपने गृह क्षेत्र में एक अल्पसंख्यक संस्थान के दीक्षांत कार्यक्रम में गडकरी ने ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि वह सार्वजनिक चर्चा में धर्म और जाति को नहीं लाते, क्योंकि उनका मानना है कि लोग ‘समाज की सेवा’ को सबसे ऊपर मानते हैं. उन्होंने कहा कि ‘जो करेगा जात की बात, उसको मारूंगा लात’. उन्होंने यह भी याद दिलाया कि यह बयान उन्होंने पिछले साल चुनाव प्रचार के दौरान दिया था. उन्होंने अपने रुख को फिर से दोहराया कि भले ही इसका परिणाम चुनाव हारना या मंत्री पद गंवाना हो, लेकिन वह अपने मार्ग से नहीं हटेंगे.
धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव नहीं
गडकरी ने कहा कि हम कभी भी जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करते. मैं राजनीति में हूं और यहां बहुत कुछ कहा जाता है. लेकिन मैंने यह तय किया कि मैं अपने तरीके से काम करूंगा और यह नहीं सोचूंगा कि कौन मेरे लिए वोट करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि मेरे दोस्तों ने मुझसे कहा कि तुम्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था, लेकिन मैंने यह सिद्धांत अपनाया कि मैं अपने जीवन में इसी रास्ते पर चलूंगा. अगर मैं चुनाव हारता हूं या मुझे मंत्री पद नहीं मिलता, तो भी मुझे फर्क नहीं पड़ेगा.
रिपोर्ट के मुताबिक गडकरी ने यह भी याद किया कि जब वह एमएलसी थे, तो उन्होंने इंजीनियरिंग कॉलेज की अनुमति अनजुमन-ए-इस्लाम संस्थान को दी थी, क्योंकि उन्हें लगा कि “उन्हें इसकी ज्यादा जरूरत है.” उन्होंने कहा, “अगर मुस्लिम समुदाय से ज्यादा इंजीनियर, आईपीएस और आईएएस अधिकारी बनते हैं, तो सभी का विकास होगा. हमारे पास पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का उदाहरण है.”