POLICE; मुकेश चंद्राकर की हत्या के 7 महीने बाद PWD के 5 अधिकारी पुलिस गिरफ्त में ,उजागर किया था 120 करोड़ का भ्रष्टाचार

जगदलपुर, छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में एक सड़क निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार के आरोप में लोक निर्माण विभाग के पांच अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। इस सड़क में भ्रष्टाचार का मामला पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने उठाया था। जिसके बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। इसी प्रोजेक्ट का ठेका सुरेश चंद्राकर के पास था। मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में पुलिस ने सुरेश चंद्राकर और उनके तीन सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया था।
इन्हें किया गया गिरफ्तार
बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि पीडब्ल्यूडी की एक जांच समिति ने निर्माणाधीन नेलसनार-कोडोली-मिरतुर-गंगालूर सड़क में कथित अनियमितताओं की जांच की थी। यादव ने बताया कि जांच समिति की शिकायत के आधार पर पीडब्ल्यूडी के कई अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। उन्होंने बताया कि इनमें से पांच अधिकारियों सेवानिवृत्त कार्यपालन अभियंता डी आर साहू और वीके चौहान, तत्कालीन कार्यपालन अभियंता एचएन पात्रा, उप-विभागीय अधिकारी प्रमोद सिंह कंवर और उप-अभियंता जगदलपुर संतोष दास को गिरफ्तार किया गया।
जांच में मिली थी अनियमिता
अधिकारी ने बताया कि तीन अधिकारी बीएल ध्रुव, उप-विभागीय अधिकारी आरके सिन्हा और उप-अभियंता जीएस कोडोपी अग्रिम जमानत पर हैं। पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड में एक अन्य आरोपी सड़क निर्माण ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को गिरफ्तार किया गया है। उपमुख्यमंत्री व लोक निर्माण मंत्री अरुण साव ने इस साल जनवरी में कहा था कि जांच समिति ने नेलसनार-कोडोली-मिरतुर-गंगालूर सड़क निर्माण कार्य में गंभीर अनियमितताएं पाई हैं। साव ने बताया था कि संबंधित अधिकारियों की कथित मिलीभगत के कारण, सरकारी धन की बर्बादी, गबन, दोषपूर्ण मूल्यांकन रिपोर्ट प्रस्तुत करने और ठेकेदार/निर्माण एजेंसी के साथ सांठगांठ में भ्रष्टाचार के प्रथम दृष्टया सबूत मिले हैं।
तीन जनवरी को मिला था शव
मुकेश चंद्राकर ने ठेकेदार सुरेश चंद्राकर द्वारा किए गए इस सड़क निर्माण कार्य में कथित भ्रष्टाचार को उजागर करने वाली एक खबर की थी। इस खबर के बाद मुकेश चंद्राकर एक जनवरी को लापता हो गए थे। उनका शव तीन जनवरी को बीजापुर शहर के चट्टानपारा बस्ती में सुरेश की संपत्ति पर बने एक सेप्टिक टैंक में मिला था। हत्या के मामले में मुख्य आरोपी सुरेश, उसके भाई रितेश चंद्राकर और दिनेश चंद्राकर तथा उसके सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके को गिरफ्तार किया गया था।