CM;गांव में अचानक उतरा हेलीकॉप्टर तो हैरान हो गए लोग,सामने खड़े व्यक्ति को देख लोगों को नहीं हुआ विश्वास
तिहार

रायपुर, मुख्यमंत्री ने सुशासन तिहार 2025 के अंतर्गत औचक निरीक्षण की शुरुआत की है। सीएम विष्णुदेव साय ने सोमवार को अचानक सक्ती जिले के करिगांव पहुंचे। अचानक सीएम को देखकर ग्रामवासियों हैरान रह गए। मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर लिमगांव की बजाय सीधे बन्दोरा गांव में उतरा, जिससे प्रशासनिक अमला कुछ समय के लिए असमंजस में पड़ गया। प्रशासन पहले से ही लिमगांव में मुख्यमंत्री की अगवानी की तैयारी में जुटा था, परंतु मुख्यमंत्री के करिगांव पहुंचने से पूरी व्यवस्थाएं तत्काल वहां की गईं।
महतारी वंदन योजना के बारे में पूछा
सक्ती जिले के करिगांव की रहने वाली दिलेश्वरी उस वक्त हैरान रह गई जब उसने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय पहुंच गए। मुख्यमंत्री ने दिलेश्वरी से महतारी वंदन योजना के बारे में पूछा। दिलेश्वरी ने कहा यह योजना उनकी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए संबल का काम करती है।

बंदोरा गांव में उतारा हेलीकॉप्टर
दरअसल, सुशासन तिहार के दौरान अचानक ही मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर सक्ती जिले के बंदोरा गांव में उतरा। यहां से मुख्यमंत्री पास के ही करिगांव पहुंचे और यहां पीपल के पेड़ के नीचे चौपाल लगाई। मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर ग्रामीणों ने पास के ही पैठू तालाब से कमल का फूल देकर स्वागत किया। इस दौरान ग्रामीण महिलाओं ने मुख्यमंत्री की आरती की और हल्दी चावल का तिलक लगाकर उनका स्वागत किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने पीपल पेड़ के नीचे ही खाट पर बैठकर ग्रामीणों से बातचीत की।
सोनाई बाई की निर्माधाधीन मकान देखने पहुंचे
सीएम करिगांव की करने वाली सोनाई बाई का मकान देखने के लिए पहुंचे। सोनाई बाई को पीएम आवास योजना के तहत घर का लाभ मिला है। इस दौरान उन्होंने सोनाई बाई से पूछा की घर का काम कैसे चल रहा है। इसके साथ ही उनसे चर्चा कर उनके मकान निर्माण के बारे में विस्तार से जानकारी ली। सीएम ने कहा- सोनाई बाई उन लाखों लाभार्थियों में से एक हैं, जिनके अपने पक्के घर का सपना देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने देखा था। प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से यह सपना साकार हो रहा है।
142 वर्षों बाद जांजगीर को मिला नया तहसील भवन
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जिलेवासियों को 142 वर्षों बाद एक ऐतिहासिक सौगात दी। उन्होंने नव-निर्मित तहसील कार्यालय भवन का लोकार्पण किया। अंग्रेजी शासन काल में वर्ष 1883 में बना पुराना तहसील भवन अब इतिहास बन गया है, और उसकी जगह 4 करोड़ 21 लाख रुपये की लागत से अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त नया भवन जनता को समर्पित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि आमजन तक सेवाओं की सरल, सहज और सुगम पहुँच सुनिश्चित हो, और यह नवीन तहसील कार्यालय उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने बताया कि इस भवन से क्षेत्र के 54 गांवों और 24 पटवारी हल्कों के नागरिकों को राजस्व से जुड़ी सभी सेवाएं एक ही परिसर में उपलब्ध होंगी।