राजनीति

POLITICS; पूर्व मंत्री राजेश मूणत बोले-बड़बोलापन और भ्रष्टाचार एक साथ करते रहे भूपेश

रायपुर, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता, विधायक और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने छत्तीसगढ़ के नागरिक आपूर्ति निगम (पीडीएस) घोटाला मामले को लेकर हो रहे खुलासों पर कहा है कि कांग्रेस के डीएनए में भ्रष्टाचार किस कदर रचा-बसा है, इसका जीवंत प्रमाण प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्व्रारा सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर किए गए उस दावे से मिलता है, जिसमें कहा गया है कि आरोपी रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला को 16 अक्टूबर, 2019 में अग्रिम जमानत देने वाले हाई कोर्ट के एक तत्कालीन जज उनके (आरोपियों के) संपर्क में थे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता को लूटने वाली कांग्रेस की पिछली भूपेश सरकार ने पहले तो जनता का धन लूटा, उनका अनाज लूटा और बाद में भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देकर सबूत से छेड़छाड़ करने का भी प्रयास किया।

श्री मूणत ने कहा कि जिस प्रकार जाँच एजेंसियाँ सुप्रीम कोर्ट में तथ्यों को सामने रख रही हैं, वे हैरान करने वाने हैं। पीडीएस घोटाले के आरोपियों को बचाने का प्रयास किया गया और इसके लिए किस हद तक भूपेश बघेल की सरकार गिर गई थी, यह अब ‘आईने’ में साफ नजर आने लगा है। भ्रष्टाचारियों से कांग्रेस और उसकी भूपेश सरकार का बड़ा गहरा नाता रहा है, कई मामलों में तो पूर्व मुख्यमंत्री बघेल भ्रष्टाचार के आरोपियों की खुलकर वकालत तक करते नजर आए थे। चूँकि भ्रष्टाचार के इन मामलों में कांग्रेस नेताओं और भूपेश सरकार की पूरी संलिप्तता रही है इसलिए भ्रष्टाचारियों को पूरी तरह से बचाने का प्रयास किया गया। भूपेश सरकार के कार्यकाल के इन तमाम घोटालों के सत्य और तथ्य अब सामने आ रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भ्रष्टाचारियों से जुड़े लोग जजों के संपर्क में थे और जज से संपर्क बनाने में उनके नौकरशाह भाई और तत्कालीन एजी ने लाइजनर की भूमिका निभाई थी।

मूणत ने कहा कि अब ईडी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हलफनामा में दावा किया गया है कि पूर्ववर्ती भूपेश बघेल की सरकार ने मामले को कमजोर करने के लिए सबूतों के साथ छेड़छाड़ की थी। मुकदमे को पटरी से उतारने की कोशिश की गई। ईडी के हलफनामे से स्पष्ट है कि व्हाट्स एप संदेशों के आदान-प्रदान से पता चला है कि जज की बेटी और दामाद का बायोडाटा तत्कालीन एजी द्वारा अनुकूल कार्रवाई के लिए टुटेजा को भेजा गया था। ईडी की ओर से यह भी कहा गया है कि आरोपी व्यक्ति अनुसूचित अपराध में अन्य मुख्य आरोपियों की भूमिका को कमजोर करने के लिए सह अभियुक्त शिवशंकर भट्ट के मसौदा बयान को साझा करने और संशोधित करने में शामिल थे।

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