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PARLIAMENT; ड्रीम 11 जैसे गेमिंग एप होगी बैन? सट्टेबाजी वाले ऑनलाइन गेम्स पर प्रतिबंध की तैयारी,कल संसद में पेश होगा बिल

 नई दिल्ली, ऑनलाइन गेमिंग की वजह से किसी बच्चे ने आत्महत्या कर ली तो कई लोग कर्ज में डूब गए और उनकी जिंदगी तबाह हो गई। ऐसी खबरें आए दिन पढ़ने को और सुनने को मिलती है। इसे देखते हुए ही सरकार अब बेटिंग या बाजी या जुआ लगाने वाले सभी ऑनलाइन गेमिंग पर रोक लगाने जा रही है। यहां तक कि जिस किसी ऑनलाइन गेम में पैसा जुड़ा है चाहे वह गेम स्किल का हो या फिर चांस का, उन सभी को प्रतिबंधित किया जा सकता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्रालय की तरफ से ऑनलाइन गेमिंग बिल लाया जा रहा है जिसे बुधवार को लोक सभा में पेश किया जा सकता है। मंगलवार को कैबिनेट कमेटी ऑनलाइन गेमिंग बिल को अपनी मंजूरी दे दी। ऑनलाइन गेमिंग में बेटिंग को अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा और इसके तहत सात साल की कैद और 10 लाख तक के जुर्माने का प्रविधान किया जा रहा है।

1400 से अधिक एप प्रतिबंधित

बिल पर अमल हुआ तो सिर्फ वैसे ही ऑनलाइन गेमिंग एप बचेंगे, जिन्हें खेलने के लिए कोई शुल्क या पैसा नहीं देना पड़ता है। सरकार कई सालों से बेटिंग एप पर रोक लगाने का प्रयास कर रही है और पिछले चार-पांच सालों में 1400 से अधिक एप को प्रतिबंधित किया गया है। लेकिन इस दिशा में कोई कानून नहीं होने से ऑनलाइन गेमिंग एप के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हो पा रही थी।

ड्रीम 11 जैसे गेमिंग एप पर भी प्रतिबंध

बिल के मुताबिक किसी भी बैंक को ऑनलाइन गेमिंग खेलने के लिए ट्रांजेक्शन करने की इजाजत नहीं होगी। अभी कई ऐसे ऑनलाइन गेम है जिनमें बेटिंग तो नहीं होती है, लेकिन उसे खेलने से पहले शुल्क देना पड़ता है जिसके लिए क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करना होता है। क्रिकेट टीम बनाने वाली ड्रीम 11 जैसे गेमिंग एप पर भी प्रतिबंध की गाज गिर सकती है।

गेमिंग एप का कारोबार प्रभावित

अभी बड़े-बड़े क्रिकेट स्टार व अन्य हस्तियां ऑनलाइन गेमिंग एप का प्रचार करते हैं। इस प्रकार के गेमिंग एप का प्रचार करने पर भी अब जुर्माना लगेगा। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि इस प्रस्तावित कानून के लागू होने पर ऑनलाइन गेमिंग एप का कारोबार प्रभावित हो सकता है। भारत में फिलहाल ऑनलाइन गेमिंग का कारोबार 3.8 अरब डालर का है और इनमें से तीन अरब डालर का कारोबार करने वाले गेमिंग एप कहीं न कहीं पैसे के ट्रांजेक्शन से जुडे है और वे सभी प्रतिबंधित हो जाएंगे।

गेमिंग सेक्टर के जानकारों का कहना है कि सरकार घरेलू स्तर पर कारोबार करने वाले एप को तो बैन कर देगी, लेकिन विदेश से संचालित होने वाले गेमिंग एप पर भी कार्रवाई जरूरी है। विदेश से संचालित होने वाले गेमिंग एप तो सरकार को कोई टैक्स भी नहीं देते है और भारतीयों का पैसा विदेश में भी चला जाता है।

वर्ष 2023 में सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत का जीएसटी लगाया गया था। तब सरकार ने कहा था कि ऑनलाइन गेमिंग गलत या सही, इस पर फैसला बाद में होगा। इसे टैक्स के दायरे में इसलिए लाया जा रहा है क्योंकि इससे लोग कमा रहे हैं, कंपनियां कमा रही हैं। सूत्रों के मुताबिक जीएसटी के नए वर्जन में ऑनलाइन गेमिंग एप को 40 प्रतिशत के स्लैब में रखा जा सकता है। मतलब आने वाले समय में ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत की जगह 40 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।

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