PROTEST;वित्त विभाग के आदेश से संविलीकृत शिक्षकों में आक्रोश, आंदोलन के बाद भी दोनों सरकारों ने न्याय नहीं किया
रायपुर, छत्तीसगढ़ राज्य में आंदोलन की कड़ी में शिक्षा कर्मियों के ऐतिहासिक आंदोलन, जेल भरो आंदोलन के बाद वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी तत्कालीन कलेक्टर द्वारा समझौता कराया जाकर 1 बजे रात को जेल से रिहा कर संविलियन का आश्वासन दिया गया था। वर्ष 2018 में आश्वासन के अनुरूप 1 जुलाई 2018 से संविलियन की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। जो भूपेश बघेल सरकार में 2020 तक संविलियन किया गया।
कर्मचारी नेता विजय कुमार झा ने कहा है कि वर्तमान वित्त विभाग के जारी आदेश से प्रदेश के लाखों शिक्षा कर्मी जो संविलियन पश्चात शिक्षक एल बी बनाए गए थे। उनके 5–10-15 वर्षों की पुरानी सेवाएं समाप्त हो गई। इसके कारण पदोन्नति व वरिष्ठता पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। प्रदेश में श्री मनीष मिश्रा शिक्षक फेडरेशन के प्रांतीय अध्यक्ष के नेतृत्व में लंबी लड़ाई शिक्षकों ने केवल एक सूत्रीय मांग के लिए किया गया था। जिसमें नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता की गणना की जावे। लेकिन ऐसा दोनों सरकारों ने नहीं किया।
अब वर्तमान में वित्त विभाग के आदेश से यह स्पष्ट हो गया है की पुरानी सेवाएं डूबत खाते में चली गई है। जिस दिनांक को संविलियन हुआ उसी दिनांक से सेवा की गणना की जाएगी। इससे प्रदेश के शिक्षकों में आर्थिक, मानसिक, सामाजिक क्षति हो रही है। इससे लाखों शिक्षक नाराज हैं। दोनों सरकारों ने इस बिंदु पर कोई निर्णय नहीं लिया है। श्री झा ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मांग की है कि वित्त विभाग के इस निर्देश को तत्काल वापस लिया जाकर प्रदेश के शिक्षकों के साथ न्याय किया जावे।