राज्यशासन

PROTEST; नई राजधानी के तूता धरना स्थल में क़ेडा कर्मचारियों का बेमुद्दत धरना प्रारंभ

रायपुर, छत्तीसगढ़ राज्य के क्रीडा कर्मचारियों के द्वारा अनुबंध पत्र बनाए जाने के विरोध में 2 जुलाई मंगलवार से नया रायपुर टूटा धरना स्थल में अनिश्चितकालीन धरना प्रारंभ किया गया कर्मचारी नेता विजय कुमार झा एवं क्रीडा कर्मचारी संघ अध्यक्ष भूपेंद्र साहू ने बताया है कि बरसते पानी में शहर से 18 किलोमीटर दूर रोजी-रोटी के लिए धरना प्रारंभ किया गया है।

छत्तीसगढ़ राज्य में भूपेश बघेल सरकार द्वारा बूढ़ा तालाब धरना स्थल को स्थानांतरित कर तूता 18 किलोमीटर दूर स्थापित किया गया था। तत्कालीन कांग्रेस सरकार के विरोध में वर्तमान में भाजपा के वरिष्ठ नेता मंत्रीगण तूता धरना स्थल जाकर कर्मचारियों के आंदोलन को संबोधित करते हुए तूता धरना स्थल का विरोध करते थे। अब समय आ गया है कि सरकार बनने के बाद कर्मचारियों से वादा को पूरा किया जाए।

नेता द्वय ने कहा है कि 2 जुलाई मंगलवार को केडा में संविदा कर्मचारियों से अनुबंध पत्र भराने के विरोध में भूपेंद्र साहू के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया है। लगातार नया बस स्टैंड में शहर से कुछ दूर होने के कारण मारपीट गुण्डा गर्दी होती है। इसलिए नया बस स्टैंड को धरना स्थल घोषित कर बस स्टैंड को पुनः वापस पंडरी स्थानांतरित कर दिया जाए। यदि ऐसा किया जाना संभव नहीं है तो रविशंकर विश्वविद्यालय के सामने राज्य परिवहन के डिपो की खाली सरकारी जमीन अथवा पंडरी पुराना बस स्टैंड के पीछे की सरकारी जमीन को धरना स्थल घोषित किया जाए। लोकतंत्र में धरना प्रदर्शन संवैधानिक अधिकार है। जिससे वंचित होना पड़ रहा है।

कर्मचारियों से भेदभाव

श्री झा ने कहा है कि खेद का विषय है कि राजनीतिक दल के लोग नगर निगम सीमा, अंबेडकर चौक, जयस्तंभ चौक, बूढ़ातालाब, आजाद चौक आदि में धरना प्रदर्शन कर लेते हैं। केवल तूता धरना स्थल शासकीय कर्मचारियों के लिए ही दूर किया गया है, जो प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत व संविधान की नीतियों के विपरीत है। इसलिए तत्काल नगर निगम सीमा में धरना स्थल स्थापित किया जाए।

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