RMC; फर्जी दस्तावेजों से ठेका, तीन साल के लिए ब्लैकलिस्ट, एजेंसी के खिलाफ होगी FIR
रायपुर, नगर निगम में बिना टेंडर के ही निर्माण कार्य करवाने और फर्जी दस्तावेज नस्ती में लगाने के मामले में नगर निगम आयुक्त मयंक चतुर्वेदी ने सख्त रुख अपनाया है। जोन क्रमांक छह में रावतपुरा कालोनी फेज-2 में सीसी रोड और नाली निर्माण कराने वाली एजेंसी के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाने के आदेश आयुक्त ने जोन छह के आयुक्त को दिए हैं। वहीं, तीन वर्ष के लिए संबंधित एजेंसी को सभी विभागों में के लिए ब्लैकलिस्ट भी किया है।
इस पूरे मामले में बताया गया था कि इसके लिए न तो कोई टेंडर जारी किया गया और न ही कोई विज्ञापन ही निकाला गया। जबकि इसके लिए बनाई गई नस्ती में कूटरचित अखबार की कापी तैयार कर फर्जी विज्ञापन दिखा दिया गया। ताकि चहेते व्यक्ति को इसका काम दिया जा सके। इतना ही नहीं, जिस तारीख काे एजेंसी को कार्य करने के लिए वर्कआर्डर जारी किया गया, उसके 16 दिन पहले ही कास्टिंग का लेटर लगा दिया गया, यानी कि वर्कआर्डर से पहले ही कार्य शुरू हो चुका था और ढलाई भी की जा चुकी थी। इस पूरे मामले पर अब कार्रवाई हुई है और तीन दिनों के भीतर एफआइआर दर्ज कराकर मामले की अद्यतन स्थिति से अवगत कराने के आदेश जोन आयुक्त को दिए गए हैं।
विकास शुल्क के सभी कार्य एम-30 के हिसाब से करवाए जाते हैं। यह डिजाइन मिक्स होता है। इसे पीडब्ल्यूडी द्वारा जारी किया जाता है। जिसके बाद ही टाप लेयर डाली जाती है। लेकिन इसके लिए रेशियो पीडब्ल्यूडी से जनवरी 2022 में जारी किया गया, जबकि कास्टिंग इसके एक महीने पहले ही की जा चुकी थी।
तीन अफसरों पर हो चुकी है कार्रवाई
इस पूरे मामले के सामने आने के तुरंत बाद महापौर के निर्देश पर तीन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। जिसमें कार्यपालन अभियंता को हटाकर मुख्यालय अटैच किया गया था, जबकि एक सब इंजीनियर को निलंबित किया गया था। वहीं, कलेक्टर के निर्देश पर एक और कर्मचारी को बर्खास्त किया गया है।