TEACHER;शिक्षक संघ का आरोप- युक्तियुक्तकरण में हुआ जमकर लेन-देन, शिक्षा मंत्री से शिकायत होगी

0 शिक्षा अधिकारियों की चुप्पी भी रहस्यमय, युक्तियुक्तकरण से 16,165 शिक्षक और प्राचार्य समायोजित
रायपुर, शिक्षक संघ और पीड़ित शिक्षकों का आरोप है कि युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में जमकर लेन-देन हुआ है. अपनों को बचाने के लिए सीनियरों के साथ अन्याय किया गया. जूनियरों को प्राथमिकता देकर सीनियरों को अतिशेष की श्रेणी में डाल दिया गया. एक प्रभावित शिक्षिका ने बताया कि अतिशेष बताए गए शिक्षक सीनियर थे. बावजूद इसके अधिकारियों ने सुनवाई नहीं की और ट्रांसफर कर दिया. इसकी शिकायत अब नए शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव से की जाएगी, ताकि शिक्षा दफ्तरों में जारी भ्रष्ट कारनामों पर रोक लग सके।
शालेय शिक्षक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा हमने पहले ही इस मुद्दे को लेकर ज्ञापन दिया, हड़ताल किया लेकिन सुनवाई नहीं हुई. खानापूर्ति के लिए कुछ जगह कार्रवाई हुई. बाकी जिलों में कार्रवाई नहीं हुई. रायपुर में सबसे ज्यादा गड़बड़ी हुई है बावजूद जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में कुछ बोलने से बच रहे हैं. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या उच्चाधिकारी इस गड़बड़ी के षड्यंत्र में शामिल हैं? अगर हां, तो ये जिम्मेदार अधिकारी सरकार की छवि को धूमिल करने पर तुले हुए हैं.
कांग्रेस ने कहा – शिक्षा विभाग के सचिव बेलगाम
राज्य स्तर पर युक्तियुक्तकरण से 16,165 शिक्षक और प्राचार्य समायोजित हुए हैं, लेकिन पदस्थापना तिथि, विषय, विकलांगता और परिवीक्षा जैसे कारकों की अनदेखी से विवाद बढ़ा. जूनियर सेटअप के आधार पर अतिशेष चिन्हांकन में गड़बड़ी सामने आई, जिससे हज़ारों पद प्रभावित हुए. इस मामले में कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव अक्षम अधिकारी हैं और बेलगाम हो गए हैं. इस गड़बड़ी में उनका पूरा हाथ है. सरकार इसके लिए जिम्मेदार है. युक्तियुक्तकरण में जमकर लेन-देन का खेल खेला गया है. युक्ति क्तकरण के नाम पर पैसा लेकर ट्रांसफर किया गया है. अब जांच समिति में अधिकारियों द्वारा की गई गड़बड़ी बाहर आ रही है.
बच्चों की पढ़ाई हो रही प्रभावित
शिक्षक संगठन इसे ‘पद समाप्त करने की साजिश बता रहे हैं. इसे लेकर जून में धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं. शिक्षा विभाग की यह प्रक्रिया न केवल शिक्षकों के भविष्य पर सवाल खड़ी कर रही है, बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. प्रभावित शिक्षक स्कूल नहीं जा रहे हैं. बल्कि पूरे सिस्टम की विश्वसनीयता को चुनौती दे रहे हैं. नए शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव को तत्काल हस्तक्षेप कर पारदर्शी जांच और दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए.