कानून व्यवस्था

NAXALITE; उडीसा में एक करोड़ के इनामी नक्सली टॉप कमांडर गणेश उइके का एनकाउंटर,तेलंगाना से छत्तीसगढ़ तक था आतंक

कंधमाल, ओडिशा के कंधमाल जिले में सुरक्षाबलों को नक्सल विरोधी अभियान के तहत एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। जंगलों में चलाए गए विशेष अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने शीर्ष नक्सली नेता गणेश उइके समेत कुल चार नक्सलियों को मार गिराया है। गणेश उइके नक्सली संगठन की केंद्रीय कमेटी का सदस्य बताया जा रहा है और लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ था।

गणेश उईके पर था 1.1 करोड रुपये इनाम
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, गणेश उइके उडीसा में नक्सली गतिविधियों का मुख्य संचालक था और उस पर सरकार की ओर से 1.1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया गया था। उसकी मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके में व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू किया। यह अभियान घने जंगलों वाले क्षेत्र में चलाया गया, जहां नक्सलियों के छिपे होने की आशंका थी।

मुठभेड़ में चार नक्सली मारे गए
अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही सुरक्षाबलों की टीम संदिग्ध इलाके में पहुंची, वहां मौजूद नक्सलियों ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभालते हुए जवाबी कार्रवाई की। दोनों ओर से कुछ देर तक फायरिंग होती रही, जिसके बाद मुठभेड़ में 6 नक्सली मारे गए। मारे गए नक्सलियों में गणेश उइके के अलावा 5 अन्य शामिल हैं, जिनमें दो महिलाएं भी बताई जा रही हैं। फिलहाल बाकी नक्सलियों की पहचान की प्रक्रिया जारी है। सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ स्थल से हथियार, गोला-बारूद और नक्सली साहित्य बरामद किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह इलाका नक्सली गतिविधियों का अहम केंद्र रहा है।

झीरम घाटी नरसंहार का था मास्टरमाइंड

उइके छत्तीसगढ़ में 2013 के झीरम घाटी नरसंहार का मास्टरमाइंड था, जिसमें कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता मारे गए थे और वह कई राज्यों में कई हाई-प्रोफाइल माओवादी हमलों में शामिल था। पिछले तीन सालों से, वह ओडिशा के कंधमाल क्षेत्र में काम कर रहा था, गुरिल्ला गतिविधियों का समन्वय कर रहा था और माओवादी नेटवर्क को मजबूत कर रहा था।

गणेश उइके के थे कई नाम

गणेश उइके रूपा, राजेश तिवारी, चम्रू, पक्का हनुमंतु, गणेशन्ना एवं सोमारू जैसे कई उपनामों से भी जाना जाता था। वह तेलंगाना राज्य के नलगोंडा जिले के चेंदुर मंडल स्थित पुल्लेमाला गांव का निवासी था।

गणेश उइके माओवाद का बड़ा चेहरा था

वर्ष 1988 से दंडकारण्य क्षेत्र में सक्रिय गणेश उइके माओवादी संगठन का एक वरिष्ठ और सक्रिय कैडर था। उसने जगदलपुर में सिटी ऑर्गनाइजर (1988–1998), वेस्ट बस्तर डिवीजनल कमेटी के सचिव (1998–2006), तथा दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्य (2006 के पश्चात) के रूप में कार्य किया।

सुकमा और बीजापुर में केस

गणेश उइके एक कट्टर माओवादी कैडर था, जिसके विरुद्ध छत्तीसगढ़ के सुकमा और बीजापुर जिलों में कुल 16 आपराधिक प्रकरण दर्ज थे। उसके आपराधिक पिछले जीवन से संबंधित विस्तृत विवरण संकलित किया जा रहा है।

15 पुलिसवालों की ली थी जान

गणेश उइके कई गंभीर अपराधों में संलिप्त था, जिनमें वर्ष 2014 में सुकमा जिले के तोंगपाल क्षेत्र अंतर्गत तहकवाड़ा में पुलिस दल पर किया गया सशस्त्र हमला प्रमुख है, जिसमें 15 पुलिस जवान शहीद हुए। उसके आपराधिक कृत्यों में नागरिक हत्याएं, हत्या का प्रयास, अपहरण, पुलिस बलों पर सशस्त्र हमले तथा हथियारों एवं विस्फोटकों का अवैध उपयोग एवं कब्जा शामिल है।

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