US; कमला हैरिस ने रचा इतिहास, डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रेसीडेंट उम्मीदवार बनीं, अब होगा ट्रंप से मुकाबला
वाशिंगटन, अमेरिका की उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस ने डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रतिनिधियों के वोट में राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनने के लिए जरूरी वोटों की दहलीज पार कर ली है. इसके बाद कमला हैरिस ने कहा कि वह संभावित उम्मीदवार बनने पर गौरवान्वित हैं. बहरहाल इस महीने के अंत में शिकागो में डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन (DNC) से पहले पार्टी का वर्चुअल रोल कॉल जारी है. कमला हैरिस पहली अश्वेत महिला और पहली दक्षिण एशियाई महिला हैं जो किसी प्रमुख अमेरिकी राजनीतिक दल की ओर से व्हाइट हाउस की रेस में शामिल हुई हैं. अगर वह नवंबर में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को हरा देती हैं, तो वह अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति होंगी.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा पिछले महीने पद छोड़ने और राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने की घोषणा करने के बाद से ही कमला हैरिस को अगला उम्मीदवार माना जा रहा था. कमला हैरिस ने भी बाइडन के फैसले का सपोर्ट करने के साथ ही तत्काल वर्चुअल रोल कॉल में निर्विरोध आगे बढ़ गईं. कई संभावित उम्मीदवारों ने भी आखिरकार उनका समर्थन किया. शुक्रवार दोपहर को कमला हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी के 2,350 प्रतिनिधियों का समर्थन हासिल करने के बाद औपचारिक रूप से नामांकित हो गईं, जो नामांकन अर्जित करने के लिए जरूरी सीमा है.
‘अमेरिका के वादे में भरोसा’
इसके बाद कमला हैरिस ने कहा कि ‘हम अमेरिका के वादे में भरोसा करते हैं और यही इस अभियान का उद्देश्य है. हम इसमें हैं, हम सड़क पर हैं और यह आसान नहीं होने वाला है, लेकिन हम इसे पूरा करने जा रहे हैं.’ डेमोक्रेटिक पार्टी के सूत्रों ने कहा है कि कुल 3,923 प्रतिनिधि- या प्रतिभागियों में से 99 फीसदी कमला हैरिस के पक्ष में मतदान करने की योजना बना रहे हैं. पार्टी का यह रोल कॉल गुरुवार को शुरू हुआ और सोमवार को खत्म होगा.
‘पहली अश्वेत महिला उम्मीदवार’
अमेरिका में पार्टियों के राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों को आम तौर पर उनके पार्टी सम्मेलनों में चुना जाता है. गौरतलब है कि 59 साल की कमला हैरिस का जन्म ऑकलैंड, कैलिफोर्निया में हुआ था. पार्टी के लगभग 200 साल के इतिहास में पश्चिमी राज्य से आने वाली वह पहली डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हैं. वह सैन फ्रांसिस्को डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी से कैलिफोर्निया अटॉर्नी जनरल और फिर यूएस सीनेटर तक राज्य की राजनीति से आगे बढ़ीं. बहरहाल दौड़ से बाहर होने से पहले जो बाइडन ने डेमोक्रेटिक प्राइमरी आसानी से जीत ली थी. लेकिन 81 साल के बाइडन पर जून में ट्रंप के खिलाफ बहस में खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी के भीतर से नाम वापस लेने के लिए बढ़ते दबाव का सामना करना पड़ा.