PROTEST; छत्तीसगढ़ बंद का राजधानी समेत प्रदेशभर में असर,रायपुर के मैग्नेटो मॉल में हुई तोड़फोड़, कांकेर में सर्व समाज ने निकाली रैली

रायपुर, छत्तीसगढ के कांकेर जिले के अमाबेड़ा में हुई हिंसा और कथित धर्म परिवर्तन के विरोध में सर्व समाज के आह्वान पर छत्तीसगढ़ बंद का व्यापक असर दिखा. राजधानी रायपुर समेत सभी बड़े शहरों में व्यापारिक प्रतिष्ठान पूरी तरह से बंद रहे. छत्तीसगढ़ बंद को चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ने अपना समर्थन दिया है.राजधानी में सब्जी बाजार शास्त्री मार्केट समेत सभी बाजार बंद रहे. पेट्रोल पम्प भी बंद रहे.

इन शहरों में दिखा बंद का असर
राजधानी रायपुर समेत जगदलपुर, अंबिकापुर, दुर्ग और बिलासपुर में आज दुकान नहीं खुलीं. बाजार, दुकानें और सभी प्राइवेट संस्थान बंद हैं, जबकि अस्पताल, मेडिकल स्टोर और इमरजेंसी सेवाओं को बंद से मुक्त रखा गया है. जांजगीर-चांपा में भी बंद का व्यापक असर देखने को मिल रहा है. बंद के कारण बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा और आम जनजीवन प्रभावित है. सर्व समाज ने शहर में रैली निकालकर धर्मांतरण के खिलाफ अपना आक्रोश जाहिर किया है. कांकेर में सर्व समाज ने वंदे मातरम स्थल से सैकड़ों की संख्या में नया बाजार स्थल स्थित डोम तक रैली निकाली गई. अब वहां सभा का आयोजन होगा.

बंद के बीच रायपुर के मैग्नेटो मॉल में हुई तोड़फोड़
राजधानी रायपुर में बंद के बीच मैग्नेटो मॉल और ब्लिंकिट में जमकर तोड़फोड़ की गई. सर्व समाज ने तेलीबांधा स्थित मैग्नेटो मॉल और कटोरा तालाब स्थित ब्लिंकिट के गोदाम में उत्पात मचाया.
ग्रामीणों ने तोड़ा धर्मांतरित महिला का घर
छत्तीसगढ़ बंद के बीच कांकेर जिले के आमबेड़ा गांव में ग्रामीणों ने एक कंवर्टेड यानी धर्मांतरित महिला का घर तोड़ दिया है. महिला का दावा है कि धर्मांतरण के बाद उसकी तबीयत ठीक हुई है. वहीं, वह वापस हिंदू धर्म अपनाने के लिए तैयार नहीं है. ऐसे में नाराज ग्रामीणों ने महिला का विरोध करते हुए उसके घर को तोड़ने की कोशिश की है.
मिशनरी समाज ने बंद का जताया विरोध, दुर्ग रेंज आईजी को सौंपा ज्ञापन
सर्व समाज द्वारा छत्तीसगढ़ बंद पर रोक लगाने के लिए मिशनरी समाज के लोगों ने दुर्ग रेंज आईजी को ज्ञापन सौपने में पहुंचे. मिशनरी समाज ने ज्ञापन में लिखा कि सर्व समाज धार्मिक दंगा फैलाने की कोशिश कर रही है, इसलिए छत्तीसगढ़ बंद को रोका जाए.
आमाबेड़ा की घटना के बीच स्थानीय मसीही समाज के संरक्षक का बड़ा बयान, कहा- अब दफनाएंगे नहीं, प्रशासन को सौंप देंगे शव…
मसीही समाज के सदस्य की मौत के बाद कफन-दफन को लेकर आमाबेड़ा में सुलगी आग की तपिश पूरा प्रदेश झेल रहा है. ऐसे में स्थानीय मसीही समाज के संरक्षक डॉ. प्रदीप क्लाडियस ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि अब हम प्रियजन की मौत पर दफनाएंगे नहीं, बल्कि शासन-प्रशासन को शव सौंप देंगे, जिससे वे अपने हिसाब से कफन-दफन कर सकें.
डॉ. प्रदीप क्लाडियस ने मीडिया से चर्चा में ईसाई समाज के लोगों को कब्रिस्तान के लिए शासन-प्रशासन द्वारा जगह आवंटित नहीं किए जाने पर अफसोस जताते हुए कहा कि हम शांतिप्रिय लोग हैं, हम दंगा-फसाद नहीं चाहते. हम यह चाहते हैं कि कब्रिस्तान के लिए जगह मिल जाए, जिसके बाद (आमाबेड़ा) इस तरह की समस्या नहीं आएगी. उन्होंने कहा कि रैली निकालने के बाद, कई बार आवेदन देने के बाद भी कब्रिस्तान के लिए जगह नहीं मिल पाना अफसोसजनक है. प्रशासन से अनुरोध है कि हमें कब्रिस्तान उपलब्ध कराए. ताकि इस तरह की परिस्थिति न बने. उन्होंने कहा कि हम शांतिप्रिय लोग हैं. इस तरह का विवाद हम नहीं चाहते हैं.
वहीं धर्मान्तरण के सवाल पर मसीही समाज के संरक्षक ने कहा कि पिछले दो हजार सालों से हो रहा है, और आगे होता रहेगा. जिसको जो धर्म अच्छा लगता है, वह जा सकता है. और जिनका अच्छा नहीं लगता, वह छोड़ भी सकता है. लेकिन परेशान करके, प्रताड़ित करके धर्म में वापस लाना अच्छी बात नहीं है.




