पीडब्ल्यूडी में भ्रष्टाचार छिपाने सरकारी दस्तावेज किया गायब; जांच शुरु, FIR की तैयारी
बिलासपुर, पुरानी कंपोजिट बिल्डिंग के बाजू और जिला न्यायालय से लगे लोक निर्माण विभाग के संभाग क्रमांक एक कार्यालय के रिकार्ड रूम से बीते 10 सालों के सरकारी दस्तावेज गायब हो गए हैं। इसमें सब इंजीनियरों द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली महत्वपूर्ण दस्तावेज मेजरमेंट बुक भी शामिल हैं। इस राजफाश के बाद से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। अधिकारियों ने आडिटर से दस्तावेज की जांच शुरू करवा दी है।
विभागीय दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए लोक निर्माण विभाग के संभाग क्रमांक एक में रिकार्ड रूम बना है। यहां उपसंभाग क्रमांक एक (शहर) और दो (कोनी) के महत्वपूर्ण रिकार्ड रखे जाते हैं। बीते 10 सालों का रिकार्ड यहां सुरक्षित था। इसकी सुरक्षा के लिए यहां पदस्थ आडिटर सूरज स्वर्णकार, तृप्ति श्रीवास्तव, कोनी में पदस्थ अवधेश चतुर्वेदी को जिम्मेदारी दी गई है।
तीन दिन पहले कार्यपालन अभियंता अरविंद चौरसिया ने आडिटरों से रिकार्ड की मांग की। इस दौरान पता चला कि रिकार्ड रूम में दस्तावेज ही नहीं है। इस पर चौरसिया ने तीन दिनों के भीतर रिकार्ड की तलाश कर जानकारी देने के लिए कहा है। बताया जा रहा है कि बीते 10 सालों का सरकारी रिकार्ड गायब है। इसे लेकर इन दिनों विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
मां भगवती कंस्ट्रक्शन हो सकती है एफआइआर
बैमा में 1,500 कैदी क्षमता की केंद्रीय जेल का निर्माण 116 करोड़ रुपये की लागत से की जा रही थी। इसका ठेका मां भगवती कंस्ट्रक्शन को मिला था। इस बीच शिकायत मिली कि मां भगवती कंस्ट्रक्शन की ओर से जो अनुभव प्रमाण पत्र पेश किया गया है वह फर्जी है। इस जानकारी के बाद शासन स्तर पर फर्म को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया। इसी ब्लैकलिस्टेड फर्म को ईई बीएल कापसे ने फिर से काम सौंप दिया। इस पर शासन ने ईई को सस्पेंड कर दिया है। इधर, जानकारी मिल रही है कि मां भगवती कंस्ट्रक्शन पर एफआइआर हो सकती है।
पूर्व ईई गंगेश्री के कार्यकाल का रिकार्ड भी चोरी
लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन ईई गंगेश्री ने पूर्व राष्ट्रपति रामसिंह कोविंद के आगमन पर कोनी रोड की रंगाई-पोताई में बिना टेंडर लाखों रुपये का टेंडर जारी किया था। ठेकेदारों को सब इंजीनियरों द्वारा एमबी में दर्ज रिकार्ड के आधार पर भुगतान किया गया था। जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर शासन ने गंगेश्री को सस्पेंड कर दिया था। यह दस्तावेज भी संभाग क्रमांक एक के रिकार्ड रूम में था, जो गायब है।
ताला टूटा न दीवार में है छेद
लोक निर्माण विभाग में जहां चोरी हुई है वह चारों तरह से सरकारी कार्यालयों से घिरा हुआ है। यहां रात के समय चौकीदार ड्यूटी पर तैनात रहते हैं। इसके अलावा जिस रिकार्ड रूम से दस्तावेज गायब हैं, वहां का न तो ताला टूटा है और न ही किसी भी दीवार पर कोई सेंध है। ऐसे में आशंका है कि विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों ने मिलीभगत कर दस्तावेज गायब किए हैं।
सब इंजीनियर रखते हैं एमबी
मेजरमेंट बुक (एमबी) का संधारण सब इंजीनियरों द्वारा किया जाता है। दरअसल ठेकेदार को ठेका मिलने के बाद निर्माण कार्य का अवलोकन सब इंजीनियर ही करते हैं। इसमें दर्ज किया जाता है कि ठेकेदार ने अब तक क्या काम किया है। इसके आधार पर ही ठेकेदार को भुगतान किया जाता है। बताया जा रहा है कि गायब हुए अधिकांश दस्तावेज में एमबी भी बड़ी संख्या में शामिल है।
ऐसे खुला राज
सेंट्रल जेल निर्माण के टेंडर में तत्कालीन कार्यपालन अभियंता बीएल कापसे को शासन ने निलंबित कर दिया है। उनके स्थान पर लोक निर्माण विभाग के संभाग क्रमांक दो में पदस्थ अरविंद चौरसिया को संभाग क्रमांक एक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। बीते दिनों उन्होंने आडिटरों की बैठक लेकर दस्तावेज पेश करने के लिए कहा। इस दौरान ही पता चला कि रिकार्ड रूम में दस्तावेज नहीं मिल रहे हैं। इसके बाद से ही हड़कंप मचा हुआ है।