बच्ची को बाथरूम में बंद कर प्रताड़ित करने वाली महिला शिक्षिका गिरफ्तार
रायगढ़, शासकीय स्कूल की शिक्षिका को बंधुआ मजदूर बनाने के उद्देश्य से 5 वर्षीय बालिका को बाथरूम में कैद कर प्रताड़ित करने वाली सनसनीखेज घटना के मामले में खरसिया पुलिस ने किशोर न्याय अधिनियम में कार्रवाई कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। आशा अग्रवाल नामक शिक्षिका को रिमांड पर भेजा गया है।
गौरतलब हो कि खरसिया क्षेत्र अंतर्गत करीब 5 साल की बच्ची को घंटों बाथरूम में बंद कर प्रताड़ित किये जाने वाली घटना के संज्ञान में आते ही 20 अप्रैल की रात महिला बाल विकास और खरसिया पुलिस ने पड़ोसियों की सूचना पर बालिका का महिला शिक्षिक के घर से रेस्क्यू किया था ।
पीड़ित बच्ची को संरक्षण की आवश्यकता पर चाइल्ड लाइन रायगढ़ के सुपुर्द किया गया था। बाल कल्याण समिति रायगढ़ के समक्ष बालिका को काउंसिलिंग के लिये पेश किया गया। बताया जा रहा है कि बालिका डरी-सहमी है, उसकी मनोस्थिति शांत होने पर काउंसिलिंग की जाएगी।
आशा अग्रवाल शासकीय विद्यालय ग्राम बासमुडा में प्रधान पाठक है, उसने बच्ची को कुछ माह पहले घर लाकर रखा था। आशा अग्रवाल द्वारा प्रताड़ित किये जाने की सूचना पर बालिका का रेस्क्यु किया गया। इस कृत्य को लेकर जिला बाल संरक्षण अधिकारी रायगढ़ एवं संयोजक आशियाना खुला आश्रय गृह रायगढ़ से प्राप्त प्रतिवेदन पर पुलिस चौकी खरसिया में शिक्षिका आशा अग्रवाल पति रघुनाथ अग्रवाल उम्र करीब 52 साल निवासी सिचांई कालोनी मदनपुर खरसिया, चौकी खरसिया जिला रायगढ़ पर धारा 342 आईपीसी एवं धारा 75 किशोर न्याय (बालको की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर चौकी खरसिया पुलिस ने गिरफ्तार किया।
नौ साल पहले कार्रवाई नहीं होने से बढे़ हौसले
सरकारी शिक्षिका के बारे में चाइल्ड लाइन की टीम प्रमुख दीपक डनसेना ने बताया कि लगभग नौ साल पूर्व शिक्षिका आशा अग्रवाल के घर से इसी प्रकार छह साल की एक बालिका को रेस्क्यू किया गया था। तब वह समन्वयक के पद पर थीं। पहले मामले में ही अगर कड़ाई से कानूनी कार्रवाई की गई होती तो आज उनका हौसला इतना बुलंद नहीं होता