राजनीति

स्त्री घर मत आना……….

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ मुसीबत एक के बाद एक हमसफर बनते जा रही है। अपनी पार्टी के साथ इंडी गठबंधन के साथियों के प्रचार के लिए बड़े मुश्किल से अंतरिम जमानत पाकर बाहर आए लेकिन बाहर कुछ और ही दिख रहा है,दिखा रहे है।

देश जान रहा है कि इस बार आधी आबादी का चुनाव में बड़ा महत्व है।यही आबादी देश को अगले पांच साल के लिए किसी भी गठबंधन  को दिल्ली में बैठाने वाली है।इसी कारण हर पार्टी ने अपने चुनावी पिटारे से लोक लुभावन वादे महिलाओ के लिए किए है।  आम आदमी पार्टी, इस लोकसभा चुनाव में औरतो की पार्टी के बजाय आदमियों की पार्टी ज्यादा दिख रही है। अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर निकले और पहला  दांव  फेका राज्य सभा में एक व्यक्ति के लिए जगह बनाने का। ये व्यक्ति एक राज्य से राज्य सभा चुनाव हार चुका है। एक अफवाह दिल्ली से देश तक  हवा में है। उसके अनुसार अंतरिम जमानत के नाम एक  मंडोली हुई और  इसके लिए स्वाति मालीवाल को बलि का बकरा बनाए जाने की योजना बनी।

स्वाति मालीवाल, दिल्ली महिला आयोग की पांच साल अध्यक्ष रही है। इसी साल उन्हे राज्यसभा में भेजा गया था।  स्वाति तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र से आई है और जनसेवा के लिए परिवर्तन संस्था से जुड़ी । अरविंद केजरीवाल के प्रथम मुख्यमंत्री काल में सलाहकार भी रही । सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन मार्च 2024 से मामला बिगड़ने लगा। 

अरविंद केजरीवाल मौका परस्त है। अपने स्वार्थ के लिए कोई भी गेम खेलने का तिकड़म का उनका गुण है। किसका उपयोग कब तक करना है ये उनका व्यवसायिक गुण है। अन्ना हजारे, प्रशांत भूषण ,किरण बेदी, कुमार विश्वास जैसे लोग उदाहरण है।इस क्रम में अगला नाम स्वाति मालीवाल का है।

बताया जाता है कि  स्वाति को राज्य सभा में उनके विकल्प के रूप में सुप्रीम कोर्ट के एक वकील के लिए इस्तीफा लेने का सच पता चला तो अरविंद केजरीवाल से मिलने मुख्यमंत्री निवास पहुंची। सब कुछ पूर्व नियोजित था। मुख्यमंत्री निवास में स्वाति मालीवाल को बेइज्जत करना था । इसके लिए विभव  कुमार ने जो कुछ करना था वो किया। एक स्त्री जो घर आई है, उसके शर्ट को फाड़ना, मारपीट करना (इन बातो की पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट में है) शर्मनाक है।

स्वाति मालीवाल ने सबसे अच्छा काम ये किया कि रिपोर्ट  पुलिस में लिखवाया और स्टेटमेंट आदलत में कलमबंद कराया। विधिक रूप से ये प्रक्रिया ऐसी है कि पुलिस को त्वरित कार्रवाई करने की मजबूरी हो जाती है। हुआ भी ऐसा कि विभव कुमार जिस मुख्यमंत्री निवास में एक स्त्री के साथ पशुवत व्यवहार किया, वही से उठा लिया गया है।

 ये तय हो चला है कि स्वाति मालीवाल के लिए आप  पार्टी के दरवाजे जो बंद होने थे। वे अब बंद होंगे, देर सबेर अनुशासन के नाम पर उनका पार्टी से बाहर किया जाना तय है। हर पार्टी अपने स्वार्थ के लिए काम करती है। इस मौके को भाजपा ब्रह्मास्त्र के रूप में उपयोग कर सकती है।

स्वाति मालीवाल, राधिका खेड़ा के बाद दूसरी महिला है जिसका इंडी गठबंधन की दो पार्टी कांग्रेस और आप पार्टी ने बेइज्जती कर भाजपा को मौका दिया है। ये बताने के लिए कि इंडी गठबंधन देश की आधी आबादी को कभी कमरे में बंद कर रहे है, कभी शराब पिलाने का ऑफर दे रहे है, कभी कपड़े फाड़ कर तो कभी प्राइवेट पार्ट पर हमला  कर रहे है।

स्तंभकार-संजय दुबे

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