नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी; गोपालपुर विधायक प्रदीप कुमार पाणीग्राही के खिलाफ आरोप तय
भुवनेश्वर, ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर की एक विशेष अदालत ने गोपालपुर के विधायक प्रदीप कुमार पाणिग्रही के खिलाफ नौकरी धोखाधड़ी के मामले में आरोप तय किए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, अदालत ने पाणिग्रही के सहयोगी सर्वेश्वर राव और ओडिशा कैडर के भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के पूर्व अधिकारी अभय कांत पाठक के बेटे आकाश पाठक के खिलाफ भी मामले के संबंध में आरोप तय किए।
जेएमएफसी अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 419, 420, 467, 468, 469, 471 और 120-बी तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम-2000 की धारा 66-सी/66-डी के तहत आरोप तय किए। गोपालपुर के विधायक ने राव और पाठक के साथ मिलकर टाटा मोटर्स में नौकरी दिलाने का वादा कर कई भोले-भाले युवाओं से मोटी रकम की ठगी की थी।
नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं से ऐंठे पैसे
टाटा मोटर्स लिमिटेड, जमशेदपुर के उप महाप्रबंधक-नैतिकता त्रिलोचन मोहंती की लिखित रिपोर्ट पर अपराध शाखा ने आकाश पाठक के खिलाफ खुद को टाटा मोटर्स लिमिटेड के यात्री डिवीजन के एमडी (आई/सी) के रूप में पेश करने और टाटा मोटर्स में नौकरी देने के नाम पर निर्दोष लोगों को धोखा देने के आरोप में धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया था। उक्त लिखित रिपोर्ट में यह आरोप लगाया गया था कि बिना किसी अधिकार के आरोपी आकाश ने टीएमएल और टाटा समूह के लोगो और कंपनी के ब्रांड नाम का इस्तेमाल किया और टीएमएल में सेवा प्रदान करने के लिए भोले-भाले लोगों से नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे एकत्र किए।
जाली विजिटिंग कार्ड व अन्य दस्तावेजों का लिया सहारा
जांच के दौरान यह पता चला कि प्रदीप कुमार पाणिग्रही, आकाश पाठक और वी. सर्वेश्वर राव ने आरोपी आकाश कुमार पाठक को टाटा मोटर्स के एमडी (आई/सी) के रूप में पेश करते हुए ई-मेल और विजिटिंग कार्ड के रूप में जाली इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड और दस्तावेज बनाकर धोखाधड़ी के अपराध को अंजाम देने के लिए आपराधिक साजिश रची, जिसका उद्देश्य टाटा में नौकरी दिलाने के नाम पर निर्दोष नौकरी के उम्मीदवारों से भारी राशि एकत्र करना था।
पुलिस ने गोपालपुर के विधायक और अन्य दो को नौकरी धोखाधड़ी के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। गोपालपुर के विधायक ने मामले में जमानत मिलने के तुरंत बाद विशेष अदालत में आरोपमुक्त करने की याचिका दायर की थी।
विशेष अदालत द्वारा उन्हें आरोपमुक्त करने की याचिका खारिज किए जाने के बाद पाणिग्रही ने ओडिशा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उच्च न्यायालय द्वारा पाणिग्रही को आरोपमुक्त करने की याचिका खारिज किए जाने के बाद विशेष अदालत ने उनके और दो अन्य के खिलाफ आरोप तय किए हैं।