पाक्सो के मामले में पीड़िता को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बयान देने का है अधिकार
बिलासपुर, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने पाक्सो के प्रकरण में नाबालिग पीड़िताओं के बयान को लेकर जरूरी दिशा निर्देश जारी किए हैं। ऐसी पीड़िता जो कोर्ट के सामने गवाही देने से डर रही है तो उन्हें घर से ही वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही देने का अधिकार दिया है। ऐसी स्थिति में उन्हें वकील के माध्यम से वीडियो कान्फ्रेंसिंग का लिंक दिया जाएगा। गवाही के दौरान स्वजन के अलावा वकील की उपस्थिति की सुविधा भी दी जाएगी।
पीड़िता कोर्ट में गवाही देने आती है और उसे लगता है कि आरोपित से सामना न हो तो आरोपित को पर्दे के पीछे रखा जाएगा। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने आदेश जारी कर इसे राज्य के सभी न्यायालयों खासकर पाक्सो कोर्ट में तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। जारी आदेश में हाई कोर्ट ने साफ किया है कि इस प्रोटोकाल का उद्देश्य कमजोर गवाहों के लिए न्याय वितरण प्रणाली की प्रतिक्रिया में सुधार के लिए दिशा-निर्देश और अनिवार्य सिफारिशें पेश करना है। कमजोर गवाहों के बयान दर्ज करते समय इस तरह के निर्देश दिए गए हैं ताकि वे आपराधिक कार्यवाही में अपना सर्वश्रेष्ठ साक्ष्य दे सकें।
महत्वपूर्ण निर्देश
कमजोर गवाहों की जरूरतों को प्रभावी ढंग से जवाब देने के लिए आपराधिक न्याय प्रणाली को संवेदनशीलता के साथ काम करने की जरूरत है, ताकि पीड़िता को राहत पहुंचाई जा सके। कोर्ट ने इसे किशोर न्याय बोर्ड सहित छत्तीसगढ़ राज्य के प्रत्येक न्यायालय में लागू कर दिया है।
0 गवाह के कोर्ट परिसर आने के बाद प्रतीक्षालय उपलब्ध कराए जाएंगे। कमजोर गवाहों के लिए एक सुरक्षित स्थान जहां वे प्रतीक्षा कर सकते हैं। इसमें खिलौने, किताबें, टीवी आदि होंगे, जो उनकी चिंता को कम करने में मदद कर सकते हैं।
0 यदि पीड़ित बच्चा या गवाह अभियुक्त की उपस्थिति में गवाही देने से इन्कार कर देती है या यदि परिस्थितियों से पता चलता है कि बच्चे को उस व्यक्ति की उपस्थिति में स्वतंत्र रूप से बोलने से रोका जा सकता है, तो अदालत अभियुक्त को अस्थायी रूप से न्यायालय कक्ष से पास के स्थान पर हटाने का आदेश देगी। एक वीडियो लिंक वाला कमरा उपलब्ध कराया जाएगा।