मोदी सरकार यात्री रेल को बंद करने की साजिश रच रही; 13 को होगा रेल रोको आंदोलन
रायपुर, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी की सरकार देश की सबसे विश्वसनीय यात्री रेल सेवा को समाप्त करने का साजिश रच रही है। वर्षों से भारतीय रेलवे आम जनता का भरोसेमंद, सस्ता और सुलभ परिवहन का पर्याय हुआ करता था जिसे मोदी राज में रेलवे की विश्वसनीयता को खत्म करके निजी हाथों में बेचने का षड़यंत्र रचा जा रहा है। छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली ट्रेनें येन मौके पर कैंसिल कर दी जाती है रक्षाबंधन, दीवाली, शीतकालीन और शादी-ब्याह के समय खासकर रक्षाबंधन 2023-2 से 8 सितंबर को 22 ट्रेने निरस्त की गयी। इसके विरोध में 13 सितंबर को कांग्रेस रेल रोको आंदोलन करेगी।
अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि यात्री ट्रेनों को जानबूझकर रद्द किया जाता है, कभी कोयले की आपूर्ति के नाम पर, कभी कोई और कारण बता कर यह विश्वसनीय यात्री सेवा भारतीय रेल को बदनाम करने की साजिश है ताकि लोग रेलवे से ऊब जाये और रेल को भी मोदी अपने उद्योगपति मित्र अडानी के हवाले कर सके। मोदी सरकार के पहले की केंद्र सरकारें घाटा उठा कर भी रेलवे सुविधाओं का विस्तार करती रही। आजादी के बाद से रेलवे का अलग बजट बनाया जाता था, लेकिन मोदी सरकार रेलवे की यात्री सुविधाओं को समाप्त कर इसे सिर्फ मालवाहक बनाना चाहती है और बाद में रेल को निजी हाथों में सौंपा जा सके, इसका रास्ता बना रही है। ऐसा इसलिये कि यात्री ट्रेनों की अपेक्षा माल भाड़े में रेलवे को 300 से 400 प्रतिशत ज्यादा मुनाफा मिलता है।
भाजपा राज में रेलवे में मिलने वाली बुजुर्गों की छूट खा गए, छात्रों को मिलने वाली रियायत खा गए, किराए में बेतहाशा वृद्धि, प्लेटफार्म टिकिट तक में कई गुना वसूली, दैनिक यात्री सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारी, पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राएं, कामगार नौकरीपेशा आम यात्री सभी मोदी राज़ में उपेक्षा पीड़ित और प्रताड़ित है। छत्तीसगढ़ के लाखों रेल यात्रियों, छोटे कामगार, नौकरीपेशा, छात्र छात्राएं, स्टेशन के कुली और आटो चालकों की समस्या पर भाजपा नेता मुंह में दही जमाकर बैठे हैं। मोदी शाह के अधिनायकवाद के डर से वरिष्ठ भाजपा जनप्रतिनिधि भी जनता के प्रति अपने कर्त्तव्य निभाने से भाग रहे हैं।
आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले साढ़े तीन साल में 67382 ट्रेनों को रद्द किया गया,
वर्षवार निरस्त हुई ट्रेनों की पूरी जानकारी
वर्ष 2020 में 32757 ट्रेनें निरस्त की गई
वर्ष 2021 में 32151 ट्रेनें निरस्त की गई
वर्ष 2022 में 2474 ट्रेनें निरस्त की गई
वर्ष 2023 में (अप्रैल माह तक) 208 ट्रेनें निरस्त की
वर्तमान में 24 ट्रेनें अगस्त 2023 के अंतिम तक रद्द की गयी है।
बिलासपुर रेलवे जोन जिसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ आता है यहां से केवल माल भाड़े से केंद्र की मोदी सरकार 20000 से 22000 करोड रुपए हर साल कमाती है। रेलवे मालाभाड़ा से 2020 की तुलना में 2021-22 में 38 प्रतिशत से अधिक वृद्धि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जोन से केंद्र सरकार को शुद्ध कमाई में हुई है। लेकिन जब सुविधा देने की जब बारी आ रही है तो विगत 9 साल से मोदी राज में छत्तीसगढ़ के रेल यात्रियों को केंद्र की उपेक्षा ही मिली है। भाजपाई बताएं कि छत्तीसगढ़ के यात्रियों से आखिर किस बात का बदला ले रही है मोदी सरकार? अडानी के हित आम आदमी के हित से ज्यादा जरूरी है।