शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश के लिए 58 प्रतिशत लागू होगा आरक्षण, भूपेश कैबिनेट ने लगाई मुहर
रायपुर ,मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आज मंत्रिपरिषद की बैठक हुई। इस बैठक में भूपेश कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है। जानकारी के अनुसार शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश के लिए आरक्षण लागू होगा। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 58 प्रतिशत आरक्षण लागू होगा।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित हुई। बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया :-
- मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के शैक्षणिक संस्थाओं में पूर्व प्रचलित आरक्षण व्यवस्था के अन्तर्गत प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण करने का निर्णय लिया गया।
- उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली द्वारा राज्य शासन की ओर से दायर एसएलपी में पारित अंतरिम आदेश दिनांक एक मई 2023 के अंतर्गत राज्य में पूर्व प्रचलित आरक्षण व्यवस्था अनुसार नियुक्ति / चयन प्रक्रियाओं को जारी रखने हेतु अंतरिम राहत प्रदान की गई है। इस अंतरिम आदेश के अनुरूप ही, अंतरिम तौर पर, मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य की शैक्षणिक संस्थाओं में भी प्रवेश प्रक्रिया पूर्व प्रचलित आरक्षण व्यवस्था अंतर्गत करने का निर्णय लिया गया है।
शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश के लिए आरक्षित छात्रों को मिलेगा 58 प्रतिशत आरक्षण
भूपेश कैबिनेट में शैक्षणिक संस्थाओं में आरक्षण पर मुहर लगा दिया है। शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को 58 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। मुख्यमंत्री भूपेश ने टवीट कर इसकी जानकारी दी।
बैठक में अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आश्वासन पर अनियमित कर्मचारियों ने एक महीने से चल रही हड़ताल को खत्म कर दिया था। इसके साथ ही प्रदेश में खाद-बीज की स्थिति और धान खरीदी की तैयारी को लेकर भी चर्चा हुई। बताया जा रहा है कि कैबिनेट की बैठक अचानक तय हुई है। सभी मंत्रियों को रविवार को फोन करके सूचना दी गई कि सोमवार सुबह कैबिनेट की बैठक होगी।
ज्ञातब्य है कि सर्व आदिवासी समाज ने चिकित्सा शिक्षा विभाग में एमबीबीएस एवं बीडीएस में 58% आरक्षण की मांग की थी।जिसके अनुसार अजजा वर्ग को 32%, अजा वर्ग को 12 % एवं पिछडे वर्ग को 14 % आरक्षण का प्रावधान है। यदि हफ्ते भर में निर्णय नहींंलेने पर जन आंदोलन की चेतावनी दी गई थी। इसके पहले ही सरकार ने निर्णय ले लिया।