2 बंदूक समेत भालू के पंजे, अजगर की खाल के साथ शिकारी गिरफ्तार; 35 से ज्यादा शिकारी जेल में
गरियाबंद, छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य ओडिशा से लगे कुछ गांव में शिकारी प्रवृति के लोग जंगली-जानवरों का खूब शिकार कर रहे है। बाघ के अलावा तेंदुआ, सांभर, कोटरी, हिरण, लकड़बग्घा, नील गाय, दुर्लभ इंद्रधनुषी गिलहरी, साही, भालू जैसे वन्य प्राणियों की शिकार के 10 से अधिक केस सामने आया है। इन सभी मामले में सीतानदी-उदंती अभयारण्य के एंटी पोचिंग टीम ने 35 से अधिक शिकारियों को जेल भेजा है। गुरुवार को नवरंगपुर के एक शिकारी से भरमार बंदूक, हथियार व फंदे जब्त हुए है। कुछ अन्य शिकारी फरार है। जिसकी टीम तलाशी कर रही है।
वन विभाग के मुताबिक गुरूवार सुबह सीतानदी-उदंती टाइगर रिजर्व के उप निर्देशक वरुण जैन को जानकारी मिली की नवरंगपुर में कुछ लोग वन्य प्राणियों की खूब शिकार कर रहे है। देर-शाम को धमतरी और गरियाबंद के वन विभाग की टीम के साथ मिलकर ओडिशा वन विभाग की मदद से नवरंगपुर में दबिश दी गई, तो गयाबंद निवासी डमरु मांझी के घर से भालू के पंजे-नाखून, कछुआ व अजगर का खाल, तीर-धनुष, फंदा सहित वन्यप्राणी के शिकार करने के अन्य सामान जब्त किया गया। आरोपी डमरु मांझी को गिरफ्तार कर रिमांड पर जेल भेजा गया है।
नगरी ब्लाॅक के सीतानदी-उदंती टाइगर रिजर्व के अलावा दुगली, घठुला, बिरगुड़ी, केरेगांव, साल्हेभाट, अरसीकन्हार, फरसगांव क्षेत्र में शिकारी अधिक सक्रिय हैं। सबसे ज्यादा तेंदुआ, हिरण, चीतल, बारहसिंघा जैसे जानवरों का शिकार कर रहे है। ऐसे में इनकी सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है। शिकारी करंट लगाकर, पानी में जहर मिलाकर और पोटास बम के जरिए वन्य प्राणियों को मार रहे है। लगातार वन्य प्राणियों की शिकार का मामला सामने आने से वन विभाग के अफसरों की चिंता भी बढ़ गई है। शिकारियों के कारण इनकी सुरक्षा पर भी कई सवाल उठ रहे है।