कानून व्यवस्था

इंडिगो पर लगा 30 लाख का जुर्माना; सुरक्षा मामले को लेकर DGCA ने दिए निर्देश

नईदिल्ली, DGCA ने इंडिगो एयरलाइंस पर 30 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। 6 महीने में कंपनी के विमान का पिछला हिस्सा 4 बार जमीन से टकरा चुका है। इसी गलती के लिए एयरलाइन पर जुर्माना लगाया गया। इसके साथ ही DGCA ने इंडिगो को जरूरत के हिसाब से डाक्यूमेंट्स और कंपनी की प्रक्रियाओं में संशोधन करने का निर्देश दिया है।

 देश की मशहूर इंडिगो एयरलाइन (Indigo Airlines) पर डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने शुक्रवार को 30 लाख रुपए का जुर्माना ठोक दिया। दरअसल, DGCA ने स्पेशल ऑडिट में एयरलाइन के ऑपरेशन, ट्रेनिंग, इंजीनियरिंग और फ्लाइट डेटा मैनेजमेंट प्रोग्राम के डॉक्यूमेंटेशन और प्रोसीजर की समीक्षा की। इस दौरान डीजीसीए को कुछ कमियां मिलीं, जिसके बाद उसने इंडिगो एयरलाइन के मैनेजमेंट को शोकॉज नोटिस जारी किया था।

इंडिगो एयरलाइंस के मैनेजमेंट की ओर से जो जवाब दिया गया, उसे डीजीसीए ने संतोषजनक नहीं माना। DGCA के मुताबिक, एयरलाइन के जवाब को हमने कई तरह से जांचा लेकिन ये संतुष्ट करने वाला नहीं था। इसके बाद, हमने इंडिगो पर 30 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।

इस वजह से लगा इंडिगो एयरलाइन पर जुर्माना

बता दें कि इंडिगो एयरलाइन पर जुर्माना लगाने की सबसे बड़ी वजह ये है कि पिछले 6 महीने में कंपनी के एयरबस A321 विमान 4 बार टेल स्ट्राइक के शिकार हुए। यानी कंपनी के इन बड़े विमानों का पिछला हिस्सा 4 बार जमीन से टकराया है। इसी को लेकर DGCA प्रमुख विक्रम देव दत्त ने स्पेशल ऑडिट का आदेश दिया था। जिसका जवाब संतोषजनक न मिलने के बाद डीजीसीए ने कंपनी पर जुर्माना लगाया।

क्या होती है टेल स्ट्राइक?

विमान के उड़ने और नीचे उतरते वक्त जब उसका पिछला हिस्सा रनवे या किसी और चीज से टकराता है तो उसे टेल स्ट्राइक कहते हैं। ट्रेल स्ट्राइक की सबसे ज्यादा संभावना लैंडिंग यानी विमान के नीचे उतरते समय होती हैं। टेल स्ट्राइक की वजह टेक्निकल नहीं बल्कि मानवीय भूल है। लेकिन कई बार मौसम या तेज हवाओं की वजह से भी ऐसा हो जाता है।

 दिसंबर 2022 में केंद्र सरकार ने बताया कि पिछले 5 साल में 2,613 हवाई घटनाएं हुईं। इंडिगो के विमानों में सबसे ज्यादा एक्सीडेंट 885 हुए। अकेले 2022 में ही 215 घटनाएं दर्ज की गईं। भारत में सबसे ज्यादा विमान इंडिगो के पास 306 हैं। ऐसे में DGCA चाहता है कि आगे चलकर कोई एक्सीडेंट न हो।

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