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रक्षाबंधन के लिए मध्य मार्ग 30 की रात भगवान में चढ़ाएं-31 को रक्षाबंधन-पं0विजय झा 

रायपुर, छत्तीसगढ़ में रक्षाबंधन त्यौहार में व्याप्त भद्रा को देखते हुए दो तिथियों में रक्षाबंधन बांधने का भ्रम पैदा हो रहा है। सुप्रसिद्ध आचार्य कर्मकांडीय लोगों द्वारा अपने-अपने वक्तव्य व्यक्त किए जा रहे हैं। किंतु महामाया मंदिर के आचार्य पं मनोज शुक्ला एवं न्यासी पं विजय कुमार झा ने बताया है कि तमाम शास्त्रीय प्रमाण के बाद भी कोई भी त्यौहार को मनाने के लिए व्यवहारिकता अत्यावश्यक है। शास्त्रों में भी स्पष्ट उल्लेख है कि शास्त्रीय निर्णय के साथ व्यवहारिकता को महत्व दिया जाना चाहिए। इसलिए रक्षाबंधन 30 तारीख की संध्या भाद्रा के बाद भगवान को चढ़ाया जाकर, 31 तारीख सुबह रक्षाबंधन है एवं उदय काल को मान्य किया जाता है। इसलिए 31 तारीख को रक्षा बंधवाना चाहिए। व्यवहारिक तर्क यह है कि रक्षाबंधन केवल भाई-बहन ही नहीं बांधते, अपितु आचार्य पंडित अपने यजमानों को घर गांव में घूम धूम कर रक्षा बांधते हैं तथा आशीर्वाद देते हैं।

इसी प्रकार जेलों में बंदियों को उनके परिजन रक्षा बांधते हैं। रात्रि 8 बजे के बाद जेल के बैरक बंद हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में 30 की रात्रि को जेल में रक्षाबंधन संभव नहीं है। इसलिए 31 अगस्त को प्रातः से जेल में रक्षाबंधन बांधे जाएंगे। कुछ पर्यावरण प्रेमी वृक्षों को, कुछ बहने शहीदों व सेना के जवानों को रक्षा बांधते हैं। कुछ लोग जानवरों को भी रक्षा बांधते हैं। इन सब स्थिति में रात्रि को रक्षाबंधन व्यावहारिक नहीं है। इसलिए रात्रि में भगवान को अर्पित कर 31 तारीख गुरुवार को उदय कल में रक्षाबंधन होने के कारण दिन भर रक्षाबंधन बांधना चाहिए। यह मध्य मार्ग एवं व्यवहारिक दोनों हैं। शास्त्री प्रमाण के कारण रात्रि में कभी रक्षाबंधन नहीं होता, जैसे जन्माष्टमी उसी दिन मनाया जाता है जिस दिन रात्रि में 12 बजे अष्टमी हो, क्योंकि कृष्ण भगवान का जन्म रात्रि में हुआ था। इसी प्रकार रामनवमी उसी दिन मनाया जाता है जिस दिन दोपहर 12 बजे नवमी हो, क्योंकि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्म दोपहर 12 बजे हुआ था। इन सब तर्क से स्पष्ट है कि व्यावहारिक रूप से 31 अगस्त को ही रक्षाबंधन सर्वमान्य है तथा इसका पालन किया जाना चाहिए।

Narayan Bhoi

Narayan Bhoi is a veteran journalist with over 40 years of experience in print media. He has worked as a sub-editor in national print media and has also worked with the majority of news publishers in the state of Chhattisgarh. He is known for his unbiased reporting and integrity.

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