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कृषि विश्वविद्यालय में चार दिवसीय युवा महोत्सव मड़ई का रंगा-रंग आगाज़

0 लोक संस्कृति के संरक्षण में मड़ई जैसे आयोजनों की महत्वपूर्ण भूमिका : डॉ. शुक्ला,शोभा यात्रा में विभिन्न कृषि महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने स्थानीय संस्कृति की झांकी प्रस्तुत की
रायपुर, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में दिनांक 06 से 09 दिसम्बर 2023 तक आयोजित होने वाले चार दिवसीय 29वें अंतर महाविद्यालयीन युवा महोत्सव ‘‘मड़ई-2023’’ का यहां रंगा-रंग शुभारंभ हुआ। कृषि महाविद्यालय रायपुर परिसर में आयोजित मड़ई की शुरूआत भव्य सांस्कृतिक शोभायात्रा से हुई जिसमें कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित समस्त कृषि महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने अपने-अपने जिलों की लोक संस्कृति, लोक पर्व, स्थानीय रीति-रिवाज, पर्यटन स्थल तथा अन्य विशेषताओं को प्रदर्शित करने वाली झांकी प्रस्तुत की। पारंपरिक परिधानों में सजे इन सांस्कृतिक दलों ने स्थानीय लोक गीतों एवं लोक नृत्यों की अनुपम छटा बिखेरी तथा पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, नारी सशक्तिकरण, सुपोषण आदि महत्वपूर्ण विषयों पर सार्थक संदेश भी दिये। इस चार दिवसीय युवा महोत्सव में विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित कृषि महाविद्यालयों के एक हजार से अधिक विद्यार्थी शामिल हुए। शुभारंभ समारोह में मुख्य अतिथि पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सच्चिदानंद शुक्ला थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने की। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में कृषि महाविद्यालय रायपुर के अधिष्ठाता डॉ. जी.के. दास तथा प्रबंध मण्डल सदस्य आनंद मिश्रा उपस्थित रहेंगे।
मड़ई 2023 के शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रो. सच्चिदानंद शुक्ला ने कहा कि भारतीय संस्कृति पूरे विश्व में सर्वश्रेष्ठ है और हमें अपनी संस्कृति पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन में मड़ई जैसे आयोजनों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि उन्हें आज प्रातः पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में आयोजित युवा उत्सव में शामिल होने का मौका मिला और शाम को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के युवा महोत्सव में सहभागी बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन्होंने विद्यार्थियों से आव्हान किया वे पढ़ाई के साथ-साथ सांस्कृतिक गतिविधियों में शामिल होकर देश व प्रदेश का नाम रौशन करें।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों की अंतरनिहीत सांस्कृतिक प्रतिभाओं के विकास के लिए प्रति वर्ष विश्वविद्यालय स्तर पर मड़ई युवा महोत्सव का आयोजन किया जाता है। पिछले 28 वर्षां से यह आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने अपने विद्यार्थी जीवन को याद करते हुए कहा कि वे उन्होंने विद्यार्थी के रूप में वर्ष 1990 में विश्व भारतीय विश्वविद्यालय शांति निकेतन पश्चिम बंगाल में कृषि विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया था। वह एक अविस्मरणीय यादें हैं। डॉ. चंदेल ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित एग्री युनिफेस्ट में अनेकों बार स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक प्राप्त किये हैं उन्होंने आशा व्यक्त कि की मड़ई 2023 के विजेता प्रतिभागी राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय तथा छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाएंगे।
अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय शर्मा ने कार्यक्रम की रूप-रेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि 06 से 09 दिसम्बर तक चलने वाले इस चार दिवसीय अंतर महाविद्यालयीन युवा महोत्सव ‘‘मड़ई-2023’’ में विभिन्न विधाओं की 25 प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा जिसके तहत 07 दिसम्बर को प्रातः 09 बजे से 1ः30 बजे तक एकल अभिनय, तात्कालिक भाषण, ऑन दी स्पॉट पेंटिंग, एकांकी, समूह गायन, कोलाज मेकिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। दोपहर 03 बजे से मिमिक्री, भाषण, कार्टूनिंग, एकांकी, समूह गायन (भारतीय), लोक एवं आदिवासी नृत्य प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।

08 दिसम्बर को प्रातः 09 बजे से मूक अभिनय, भाषण, लघु नाटिका, वाद-विवाद, रंगोली, पोस्टर मेकिंग, क्ले मॉडलिंग, डिजिटल फोटोग्राफी, एकांकी, देश भक्ति गीत गायन, पश्चिमी एकल गीत गायन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। दोपहर 03 बजे से लघु नाटिका, वाद-विवाद, मेहंदी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। 09 दिसम्बर को प्रातः 09 बजे से लघु नाटिका, तात्कालिक भाषण, लोक एवं आदिवासी नृत्य तथा पाश्चात्य समूह गीत प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। 09 दिसम्बर को अपरान्ह 04 बजे अंतर महाविद्यालयीन युवा महोत्सव ‘‘मड़ई-2023’’ का समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया जाएगा। शुभारंभ समारोह के अंत में मड़ई 2023 के आयोजन सचिव डॉ. वी.बी. कुरूवंशी ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर संचालक अनुसंधान डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी, निदेशक विस्तर सेवाएं डॉ. अजय वर्मा, सभी कृषि महाविद्यालयों के अधिष्ठाता एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्रएं उपस्थित थे।

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