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वाशिंगटन, एजेंसी, अमेरिका अपने यहां से एक-एक प्रवासी को ढूंढ-ढूंढ के निकाल रहा है. अमेरिका की ओर से इन प्रवासियों को सैन्य विमान के जरिए उनके देश में भेजा जा रहा है. लेकिन कुछ देश ऐसे हैं जहां अमेरिका से सीधे प्रवासियों को नहीं भेजा जा सकता है, ऐसे प्रवासियों को अमेरिका ने पनामा भेज दिया है. इन प्रवासियों में कई भारतीय भी हैं.
पनामा के एक होटल में अमेरिका से निर्वासित 299 लोगों रखा गया है, जिनकों अधिकारी उनके देश वापस भेजने की कोशिश कर रहे हैं. खबरों के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय अधिकारियों द्वारा उनके देश वापस भेजने की व्यवस्था किए जाने तक उन्हें होटल से बाहर जाने की अनुमति नहीं है.
अपने देश लौटना नहीं चाहते प्रवासी
अधिकारियों ने बताया कि 40 फीसद से ज़्यादा प्रवासी स्वेच्छा से अपने वतन वापस नहीं लौटना चाहते हैं. होटल के कमरों में मौजूद प्रवासियों ने खिड़कियों पर ‘मदद करें’ और ‘हम अपने देश में सुरक्षित नहीं हैं’ जैसे कार्ड दिखाए हैं और मदद की गुहार लदाई है. किन देशों के प्रवासी हैं पनामा में फंसे
प्रवासी 10 ज़्यादातर एशियाई देशों से हैं, जिनमें ईरान, भारत, नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन और दूसरे देश शामिल हैं. अमेरिका को इनमें से कुछ देशों में सीधे निर्वासित करने में दिक्कत होती है, इसलिए पनामा को एक ब्रिज के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है. पनामा के अलावा कोस्टा रिका को भी अमेरिका ऐसा ही ब्रिज की तरह इस्तेमाल कर रहा है.
पनामा के सुरक्षा मंत्री फ्रैंक अब्रेगो ने मंगलवार को कहा कि पनामा और अमेरिका के बीच प्रवास समझौते के तहत प्रवासियों को चिकित्सा देखभाल और भोजन दिया जा रहा है. इसके अलावा पनामा के राष्ट्रपति को ट्रंप के दबाव में काम करने पर उनके देश में आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है.
अब्रेगो ने कहा कि 299 लोगों में से 171 अपने देश वापस जाने के लिए तैयार हैं. इनको अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन और संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी की मदद से अपने-अपने देशों को भेजा जाएगा है. इसके अलावा जो अपने देश लौटना नहीं चाहते, उनको अस्थायी तौर पर पनामा में रखा जाएगा.