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ED; दस साल में ईडी ने दर्ज किए 5892 मामले, 1398 केस की सुनवाई में दोषसिद्धि मात्र 8 केस में,77% मामले साक्ष्य के अभाव में अदालत ही नहीं पहुंच पाए

नई दिल्ली, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले दस सालों में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 49 मामलों में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है। सरकार ने राज्यसभा में बताया कि, ईडी ने 2015 से जून 2025 तक धन शोधन के लिए 15 लोगों से जुड़े आठ मामलों में ही दोषसिद्धि के आदेश हासिल किए हैं।

संसद में सरकार से ईडी द्वारा दर्ज किए गए उन मामलों की संख्या के बारे में सवाल पूछा जो वास्तव में अदालत में सुनवाई के लिए गए। दी गई जानकारी चौंकाने वाली है। पिछले 10 वर्षों में, ईडी ने 5892 मामले दर्ज किए हैं। हालांकि, इनमें से केवल 1398 मामलों को ही सुनवाई के लिए अदालत में लाया गया। इसका मतलब यह हुआ कि 10 सालों में ईडी द्वारा दर्ज किए गए सभी मामलों में से 77% मामले शून्य साक्ष्य के कारण अदालत तक पहुंच ही नहीं पाए।

-10 सालों में दर्ज किए गए कुल 5892 मामलों में से केवल 8 में ही दोषसिद्धि हुई।

-इसका मतलब है कि 10 सालों में ईडी द्वारा दर्ज किए गए सभी मामलों में से केवल 0.13% मामलों में ही अदालतों ने आरोपियों को दोषी पाया।

सरकार की ओर से यह जानकारी ऐसे समय पर सामने आई है जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रवर्तन निदेशालय की कार्यवाई पर सवाल खड़े किए गए हैं। एक मामले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट द्वारा कहा गया था कि, “राजनीतिक लड़ाइयों के लिए आपका (ईडी) इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है?” कई विपक्षी राजनीतिक दलों का भी आरोप था कि, ईडी का उपयोग विपक्षी नेताओं पर दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है। बहरहाल सरकार द्वारा तमाम आरोपों को बेबुनियादी बताया गया था।

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