जिला प्रशासन

INSPECTION; राशन घोटाले में अनोखा जांच अधिकारी, अब खाद्य निरीक्षक करेंगे जांच

रायपुर, खाद्य विभाग में उच्च न्यायालय के आदेश से एक राशन दुकानदार को बचाने के लिए न्यायालय के आदेश की धज्जियां उड़ा दी गई है।  खाद्य संचालनालय के संयुक्त संचालक द्वारा जांच प्रतिवेदन पर उनसे चार क्रम नीचे सहायक खाद्य अधिकारी और पांच क्रम नीचे खाद्य निरीक्षक से पुनः जांच कर एक सप्ताह में अभिमत मांगा गया है।

 ये फरमान अपर कलेक्टर पंचभाई द्वारा आदेश क्रमांक310दिनांक 9फरवरी 2024को जारी किया गया है। मधुसूदन मिश्रा द्वारा  शासकीय उचित मूल्य दुकान क्रमांक1104 और1106 की जांच दो बार पहले जिला और खाद्य संचालनालय स्तर पर संयुक्त संचालक की टीम ने जांच किया था। दोनो जांच दल ने राशन दुकानदार  के विरुद्ध  गंभीर अनियमितता पाए जाने पर आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अंतर्गत आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के लिए खाद्य विभाग रायपुर को प्रेषित किया था। 

मधुसूदन मिश्रा ने बताया कि कई सालो से बोगस सहकारी समिति के माध्यम से दूसरी समिति के नाम पर नान में राशि जमा कर हजारों क्विंटल चांवल की अफरा तफरी के प्रमाण दोनो जांच दल को मिले है। संचालनालय के एक अधिकारी द्वारा राशन दुकानदार से मिलकर प्रकरण में लीपा पोती करने की कोशिश किए जाने पर मधुसूदन  मिश्रा उच्च न्यायालय बिलासपुर में याचिका 903/2022दायर किया था जिसमे चार सप्ताह के भीतर  आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अंतर्गत कार्यवाही करने का आदेश दिया था।

 इस मामले में  जब संचालनालय के द्वारा एफ आई आर दर्ज कराने के लिए खाद्य विभाग रायपुर को भेजा गया। अपर जिलाधिकारी  पंच भाई द्वारा  9फरवरी 2024को आदेश क्रमांक 310 जारी कर एक सहायक खाद्य अधिकारी भारती हर्ष , खाद्य निरीक्षक श्रीमती वीणा किरण साहू और सरिता अग्रवाल को  पुनः जांच कर अभिमत देने का आदेश जारी हुआ है।

 एक राशन दुकान की जब दो तीन साल  अनियमितता  की गई और जिला सहित राज्य स्तर की टीम जांच कर चुकी है तो उन्ही अनियमितता की नई जांच कैसे होगी? मधुसूदन मिश्रा ने आरोप लगाया ही कि अपर जिलाधिकारी एक पराजित कांग्रेस प्रत्याशी के दबाव में भाजपा शासनकाल में  अवैधानिक कार्य कर रहे है।

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