ELECTRYCITY;देश के सबसे उन्नत ट्रांसफॉर्मर अब बनेंगे रायपुर में, 300 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्ताव
एमओयू

*छत्तीसगढ़ से होगा अब पूरे देश को ट्रांसफॉर्मर सप्लाई
नई दिल्ली, विकसित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में छत्तीसगढ़ एक और बड़ी छलांग लगाने जा रहा है। देश की प्रतिष्ठित कंपनी करमवीर इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने रायपुर में अत्याधुनिक ट्रांसफॉर्मर निर्माण इकाई स्थापित करने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के समक्ष प्रस्तुत किया। इस इकाई में 300 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जाएगा, जिससे छत्तीसगढ़ का नाम देश के सबसे बड़े ट्रांसफॉर्मर निर्माण केंद्रों में शामिल हो जाएगा।
इस अवसर पर कंपनी के प्रबंध निदेशक विवेक जैन ने मुख्यमंत्री से छत्तीसगढ़ सदन, नई दिल्ली में मुलाकात की। बैठक में प्रस्तावित परियोजना की रूपरेखा, निवेश संभावनाएं और रोजगार सृजन के आयामों पर विस्तार से चर्चा हुई। श्री जैन ने बताया कि यह यूनिट तकनीकी दृष्टि से देश की सबसे उन्नत ट्रांसफॉर्मर निर्माण इकाई होगी, जो भविष्य में ऊर्जा क्षेत्र की ज़रूरतों को पूरा करने में मील का पत्थर साबित होगी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने निवेश प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहायह परियोजना राज्य में बिजली क्षेत्र के आधुनिकीकरण, स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार, और उद्योग आधारित विकास को गति देगी। विशेष रूप से यह पहल “मेक इन छत्तीसगढ़” के नारे को मजबूती देती है, जहां अब अत्याधुनिक तकनीक से बने ट्रांसफॉर्मर पूरे देश को रोशन करने का कार्य करेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ के इनवेस्टमेंट कमिश्नर ऋतु सेन भी उपस्थित थी ।
छत्तीसगढ़ की डिजाइन से मध्यप्रदेश में तैयार होंगे 400 केवी के टॉवर तकनीक आदान-प्रदान से छत्तीसगढ़ को होगा लगभग तीन करोड़ का लाभ
छत्तीसगढ़ स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी रायपुर का तकनीकी ज्ञान अब मध्यप्रदेश के विद्युत विस्तार में योगदान देगा। छत्तीसगढ़ 400 केवी के टॉवर की डिजाइन मध्यप्रदेश को देगा और मध्यप्रदेश के 220 केवी और 132 केवी के टॉवर की डिजाइन लेगा। इस तकनीक व कौशल के आदान-प्रदान से दोनों प्रदेश की पॉवर कंपनी का लाभ होगा। इस नई तकनीक से ट्रांसमिशन कंपनी के विशाल टावरों के स्थापना में कम भूमि की जरूरत पड़ेगी।
छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर ट्रांसमिशन कंपनी के अध्यक्ष सुबोध कुमार सिंह ने कहा कि प्रौद्योगिकियों के परस्पर विनियम से सभी पक्षों की दक्षता बढ़ती है । इसका लाभ दोनों राज्यों को मिलना सुखद है । प्रौद्योगिकीय उन्नयन से ही भावी चुनौतियों का सामना किया जा सकेगा । एमडी श्री राजेश कुमार शुक्ला ने कहा कि दोनों कंपनी के आपसी सहयोग व तकनीक साझेदारी का लाभ दोनों राज्यों को मिलेगा। इससे अत्याधुनिक पारेषण प्रणाली, तकनीक और प्रशिक्षण का आदान-प्रदान हो सकेगा।
छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी और मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के बीच जबलपुर के शक्ति भवन में अनुबंध हुआ। इसमें छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के कार्यपालक निदेशक (योजना, वाणिज्यिक एवं विनियामक मामले) के. एस. मनोठिया और मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के कार्यपालक निदेशक श्री समीर नगोटिया (वाणिज्यिक एवं विनियामक मामले) ने हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर एमपीपीटीसीएल के प्रबंध निदेशक इंजी. सुनील तिवारी विशेष रूप से उपस्थित थे। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी को 400 केवी अति उच्च दाब टॉवर खड़ा करने में विशेष दक्षता हासिल है। इसकी डिजाइन को छत्तीसगढ़ ने केंद्रीय विद्युत अनुसंधान संस्थान (सीपीआरआई) बैंगलोर को भेजा था, जहां वेटिंग, चेकिंग और स्क्रूटनी के पश्चात् टॉवर स्ट्रक्चर की डिजाइन को बेहतर माना गया।
वहीं मध्यप्रदेश में 220 केवी और 132 केवी के अतिउच्च दाब टॉवर की नेरो बेस डिजाइन बेहतर मानी जाती है, जिसमें कम जमीन का उपयोग करते हुए सकरे फाउंडेशन में विशाल टॉवर खड़े किये जाते हैं। खासकर शहर में जमीन की उपलब्धता कम होने पर इस डिजाइन की अधिक आवश्यकता थी। इस डिजाइन में जहां सामान्य टॉवर के लिए जो जगह फाउंडेशन में लगती थी उससे अब लगभग आधी लगेगी। इससे टॉवर खड़ा करने में लगने वाली किसानों की कम जमीन प्रभावित होगी। मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी ने इन दोनों टॉवर की डिजाइन देने के एवज में 2.89 करोड़ रूपए का शुल्क मांगा गया था। अब छत्तीसगढ़ के 400 केवी टॉवर की डिजाइन के बदले मध्यप्रदेश 220 केवी और 132 केवी नैरो बेस डिजाइन साझा कर रहा है, इससे छत्तीसगढ़ को 2.89 करोड़ रुपए का सीधा लाभ हो रहा है।