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CAREER; कृषि स्नातकों के लिए पैकेजिंग क्षेत्र में सुनहरा कैरियर, निर्यात के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करने में पैकेजिंग की भूमिका महत्वपूर्ण

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रायपुर, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के कैरियर गाइडेंस, प्लेसमेंट एवं एलुमनी सेल द्वारा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग, मुंबई (भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्था) के सहयोग से “कृषि स्नातकों के लिए पैकेजिंग क्षेत्र में कैरियर के अवसर“ विषय पर प्रेरणादायक और जानकारीपूर्ण इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन कृषि महाविद्यालय, रायपुर में किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता भारतीय पैकेजिंग संस्थान, मुंबई के अनुसंधान एवं विकास तथा परामर्श विभाग के संयुक्त निदेशक एवं प्रमुख डॉ. बादल देवांगन ने विद्यार्थियों को उद्योग से जुड़े पैंकेजिंग से संबंधित महत्वपूर्ण अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि किस तरह कृषि, कृषि अभियांत्रिकी और खाद्य प्रौद्योगिकी में स्नातक उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थी अपने ज्ञान का उपयोग सतत पैकेजिंग, खाद्य सुरक्षा, उत्तर कटाई तकनीक और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में कर सकते हैं। इस इंटरैक्टिव सत्र में 120 से अधिक विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों ने भाग लिया, जिसमें विशेष रूप से खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, रायपुर और कृषि अभियांत्रिकी संकाय, रायपुर के अंतिम वर्ष के विद्यार्थी शामिल थे।
डॉ. देवांगन ने कार्यक्रम में उदाहरणों और खुले प्रश्नोत्तर सत्र के माध्यम से विद्यार्थियों को यह बताया कि खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, कटाई क्षति को कम करने और निर्यात के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करने में पैकेजिंग की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने विद्यार्थियों को संबंधित शैक्षणिक कार्यक्रमों, प्रमाणपत्र पाठ्यक्रमों और कौशल विकास के अवसरों के बारे में भी जानकारी दी, जिससे वे पैकेजिंग के क्षेत्र में रोजगार पाने के लिए खुदको और बेहतर बना सकें। कृषि स्नातकों के लिए आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को पैकेजिंग उद्योग में विविध कैरियर संभावनाओं के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करना था।
कार्यक्रम के समापन सत्र में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय शर्मा ने बहुविषयी ज्ञान की महत्ता पर जोर दिया और छात्रों को इस अपेक्षाकृत कम परिचित लेकिन अत्यंत संभावनाशील क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। यह इंटरएक्टिव सत्र कृषि विश्वविद्यालय के सभी संकायों के अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए पहली बार विशेष रूप से आयोजित किया गया था। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मंजू तिवारी द्वारा किया गया तथा आभार प्रदर्शन डॉ. दीपक महापात्र द्वारा किया गया।

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