TERROR;पहलगाम आतंकी हमले में अब तक 28 मौतें, जम्मू-कश्मीर के चप्पे-चप्पे पर हाई अलर्ट,रायपुर का व्यवसायी जख्मी
28 मौत

इस्लामाबाद, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले में 28 लोगों की मौत ने दुनिया को हैरत में डाल दिया है। मरने वाले लोगों में लगभग सभी पर्यटक थे, मृतकों में दो विदेशी और दो स्थानीय लोग भी बताए जा रहे हैं। आतंकियों ने बच्चों के सामने उनके पिताओं को, पत्नियों के सामने उनके पतियों को गोली मारी। घटनास्थल की दहला देने वाली तस्वीरों और वीडियो को पूरी दुनिया ने देखा और इसके लिए आतंकियों की आलोचना हो रही है। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन द रेजिस्टेंट फ्रंट (TRF) ने ली है, लेकिन असल में इसके लिए जिम्मेदार पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल प्रमुख है, जिन्होंने हाल ही में कश्मीर और हिंदुओं को लेकर जहर उगला था।

हिंदुओं और मुसलमानों को बताया था अलग
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने बताया है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की हालिया टिप्पणी को पहलगाम में आतंकी हमले के कारणों से एक माना जा रहा है। असीम मुनीर ने कश्मीर को पाकिस्तान के गले की नस बताया था। पाकिस्तान में प्रवासियों के एक सम्मेलन के दौरान जनरल असीम मुनीर ने मुसलमानों को हिंदुओं से अलग बताते हुए इस बात पर जोर दिया था कि दोनों साथ नहीं रह सकते।
मुनीर के दिखाए पैटर्न पर चले आतंकवादी
शायद आतंकी संगठन टीआरएफ को अपने हमले की योजना बनाने के लिए असीम मुनीर के बयान से ही प्रोत्साहन मिला हो सकता है। खास बात रही है कि आतंकियों ने पर्यटकों के नाम और धर्म पूछकर उन्हें गोली मारी। ये उसी पैटर्न की ओर इशारा करता है, जिसका संकेत पाकिस्तान आर्मी चीफ ने अपन बयान में दिया था।
लश्कर कमांडरों की भूमिका
खुफिया आकलन के अनुसार, लश्कर के शीर्ष कमांडर सैफुल्लाह कसूरी उर्फ खालिद पर साजिश रचने वालों में से एक होने का संदेह है। सूत्रों ने कहा कि रावलकोट स्थित लश्कर के दो कमांडरों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। इनमें एक अबू मूसा है। 18 अप्रैल को मूसा ने रावलकोट में एक कार्यक्रम आयोजित किया था। इस दौरान उसने कहा था, ‘कश्मीर में जिहाद जारी रहेगा, बंदूकें चलेंगी और सिर कलम करना जारी रहेगा। भारत गैर स्थानीय लोगों को निवास प्रमाण पत्र देकर कश्मीर की डेमोग्राफी बदलना चाहता है।’ पहलगाम में कई पीड़ितों से ‘कलमा’ पढ़ने को कहा गया और जो नहीं पढ़ पाए, उन्हें गोली मार दी गई।

रायपुर के बिजनेसमैन को मारी गोली
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के एक बिजनेसमैन को आतंकियों ने गोली मार दी है। फिलहाल, रायपुर के कारोबारी की हालत गंभीर है। उनका स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है। घायल के परिजन फ्लाइट से जम्मू कश्मीर के लिए रवाना हो चुके हैं। आंतकी हमले में घायल रायपुर के बिजनेसमैन दिनेश मिरानिया के बेटे शौर्य मिरानिया ने बताया कि उनके पिता को आतंकियों ने गोली मारी है। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वे रायपुर के समता कॉलोनी में निवासरत हैं। बताया जाता है दिनेश मिरानिया अपनी पत्नी नेहा मिरानिया और दो बच्चों शौर्य और लक्षिता मिरानिया के साथ पहलगाम घूमने गए थे। आतंकियों ने इस दौरान घुड़सवारी कर रहे पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। आतंकवादियों ने घोड़े पर सवार पर्यटकों को निशाना बनाते हुए करीब पांच मिनट तक अंधाधुन गोलियां चलाई।

आर्मी की वर्दी में थे आतंक
टूरिस्टों पर यह आतंकी हमला मिनी स्विटजरलैंड कहे जाने वाले बैसरन इलाके में मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे हुआ। बताया जा रहा है कि आतंकी बैसरन घाटी के पहाड़ से नीचे उतरे और वहां घुड़सवारी करते टूरिस्टों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। वह आर्मी की वर्दी में थे। हमले में कुछ स्थानीय लोग और घोड़ों को भी गोली लगी है। सूत्रों का कहना है कि हमले में अपना पति खो चुकी महिला का दावा है कि आतंकवादियों ने धर्म पूछकर गोली मारी। यह हमला पवित्र अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होने से पहले सोच-विचाकर किया गया लगता है। एजेंसियों का मानना है कि हमला करने से पहले इलाके की रेकी की गई। आतंकवादियों ने यह सुनिश्चित किया कि यहां कितनी फोर्स लगी है। फिर मौका देखकर उन्होंने लोगों को टारगेट किया।
2019 के बाद से कश्मीर की घाटी में सबसे बड़ा टेररिस्ट अटैक
जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों ने भारत को ना भूलने वाला दर्द दिया है. 2019 के बाद से कश्मीर की घाटी में सबसे बड़ा टेररिस्ट अटैक था. मंगलवार का दिन था, देश विदेश से आए सैलानी यहां के मौसम का आनंद ले रहे थे, तभी गोलियों की तड़तड़ाहट पूरी घाटी कांप उठा, लोग जान बचाने की खातिर इधर उधर भागने लगे. दहशतगर्दो ने नाम पूछ-पूछ कर आईडी देख-देख कर लोगों को भूनना शुरू कर दिया.
प्रधानमंत्री मोदी सऊदी अरब दौरे से भारत वापस लौट रहे
इस हमले में अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है. कई लोग घायल है. घटना के खिलाफ देशभर में रोष का माहौल है. प्रधानमंत्री मोदी सऊदी अरब तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अमेरिका के दौरे से भारत वापस लौट रहे हैं, जो कैबिनेट कमेटी ऑफ सिक्योरिटी (सीसीएस) की बैठक करेंगे. इधर, गृह मंत्री अमित शाह जम्मू कश्मीर में जवानों के साथ मुस्तैद है. आगे की कार्रवाई के लिए डायरेक्ट कर रहे हैं.
इस आतंकी हमले में मरने वालों की लिस्ट जारी की गई है. टाइम्स ऑफ़ इंडिया के हवाले से खबर है की महाराष्ट्र से छह टूरिस्टों की हत्या हुई है चार लोग गंभीर रूप से घायल है. शाम 8 बजे तक मरने वाले टूरिस्टों और उनके राज्य की जानकारी दी गई. इस हमले में महाराष्ट्र से 6 लोगों की मौत हो गई है. वहीं, कई घायल हैं. पुणे के संतोष जगदाले और कौस्तुभ गणबोटे, पनवेल (मुंबई) के दिलीप देसले, अतुल मोने, हेमंत जोशी और कल्याण-डोंबिवली के संजय लेले की इस हमल में मौत हो गई है. वहीं, पनवेल के ही माणिक पटेल और एस भालचंद्र राव गंभीर रूप से घायल हैं, जबकि जगदाले की पत्नी भी पुणे से हैं, जो इस हमले में घायल हैं. इसके अलावा, नागपुर के रूपचंदानी परिवार के तीन सदस्य भी घायल हुए हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया से इसकी पुष्टि की है कि डोंबिवली के मोने के दो रिश्तेदार हेमंत जोशी और संजय लेले भी मारे गए है, तीनों की उम्र 45 से 50 साल के बीच है. वे अपने परिवार के नौ सदस्यों के साथ रविवार को अहमदाबाद के रास्ते कश्मीर गए थे.