राजनीति

टूटता इंडिया गठबंधन…

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सुनने में विचित्र बात लगती है कि देश के 26राजनैतिक दल  इस बात को लेकर इंडिया ब्लॉक बनाए थे कि उन्हें भाजपा को सत्ता में आने से रोकना है। ये भी विचित्र बात है कि ये गठबंधन केवल लोक सभा चुनाव तक ही सीमित है राज्यों से इसका कोई लेना देना नहीं है।ये भी मान सकते है कि एक  चारदीवारी के भीतर रहने वाले अंदर लड़ेंगे लेकिन  चारदीवारी के बाहर दूसरे से भी लड़ेंगे। दिल्ली विधान सभा चुनाव में कांग्रेस के नेताओं ने अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी पर जम कर हमला  बोला। 15 सीट पर आप  आदमी पार्टी के प्रत्याशियों को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। कांग्रेस के चलते अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जैसे कोर नेता खेत रहे।

आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के  बीच देश की राजधानी में जो दरार दिखी उसका भविष्य बिहार और शीघ्र ही होने वाले पश्चिम बंगाल के विधान सभा चुनाव में देखने को मिलेगा। बिहार में लालू प्रसाद यादव की पार्टी का असर है  इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। कांग्रेस सालों से हाशिए में है। उनकी पार्टी का अंतिम मुख्य मंत्री  जगन्नाथ मिश्रा थे जो दिसंबर 1989 से मार्च 1990 तक मुख्य मंत्री थे। 35 साल से एक पार्टी का सत्ता में न होना इस बात का प्रमाण है कि जमीनी स्तर पर कांग्रेस  का संगठन कमजोर है।

पिछले बीस साल से नीतीश कुमार (जीतन राम मांझी के कार्यकाल को छोड़कर) मुख्यमंत्री है। कांग्रेस को 243 विधान सभा सीट में से 70 सीट लालू प्रसाद यादव की पार्टी के साथ गठबंधन में मिला था जिसमें 19 सीट हाथ आई। एक राष्ट्रीय दल के लिए।  इस प्रकार का नतीजा पार्टी के लिए चिंताजनक है। बिहार में इस साल होने वाले विधान सभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव की पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन में  इस बार  कौन सी सीट का बंटवारा करेगी ये देखने वाली बात होगी।

पश्चिम बंगाल की मुख्य मंत्री ममता बनर्जी ने स्पष्ट कर दिया है कि 2026 का विधानसभा चुनाव उनकी तृणमूल कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ेगी। सीधे सीधे तौर पर समझा जाए तो कांग्रेस से कोई सीट बंटवारा नहीं होगा। पिछले विधान सभा चुनाव में कांग्रेस भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के साथ गठबंधन कर 91 सीट पर चुनाव लड़ी थी लेकिन एक भी सीट जीत नहीं पाए। केवल 2.96 प्रतिशत वोट कांग्रेस के हिस्से में आए। 2025 के दिल्ली विधान सभा चुनाव में भी कांग्रेस को शून्य पर रहना पड़ा है। इंडिया गठबंधन के चार पार्टियों के बीच की रस्साकशी से यह बात साफ है कि घर के भीतर सिर- फुटव्वल करने वाले बाहर सर पर पट्टी बांध कर एकता का परिचय देंगे। 

स्तंभकार-संजयदुबे

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