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बजट; प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 3238 करोड़ का प्रावधान,कृषि और संबद्ध विभागों के बजट में 30% की वृद्धि,रबी फसलों का रकबा 24% बढ़ा

रायपुर, छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज संसदीय कार्य, कृषि, पशुपालन, मछलीपालन, जल संसाधन तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री रविन्द्र चौबे के विभागों के लिए कुल 16794 करोड़ 55 लाख 24 हजार रुपए की अनुदान मांगे सर्वसम्मति से पारित की गईं। इनमें राज्य विधान मंडल के लिए 79  करोड़ 88 लाख 47 हजार रुपए, कृषि विभाग के लिए 5354 करोड़ 96 लाख 13 हजार रुपए, पशुपालन विभाग के लिए 526 करोड़ 83 लाख 57 हजार रुपए, मछलीपालन विभाग के लिए 93 करोड़ 22 लाख 51 हजार रुपए, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा से संबंधित व्यय के लिए 315 करोड़ नौ लाख दस हजार रुपए, जल संसाधन विभाग के लिए 1254 करोड़ दो लाख 69 हजार रुपए, लघु सिंचाई निर्माण कार्य के लिए 841 करोड़ 84 लाख 33 हजार रुपए, जल संसाधन विभाग से संबंधित नाबार्ड से सहायता प्राप्त परियोजनाओं के लिए 614 करोड़ 71 लाख रुपए, जल संसाधन विभाग से संबंधित विदेशों से सहायता प्राप्त परियोजनाओं के लिए 76 करोड़ 20 लाख रुपए, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के लिए 4402 करोड़ 59 लाख 90 हजार रुपए तथा त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को वित्तीय सहायता के लिए 3235 करोड़ 17 लाख 54 हजार रुपए शामिल हैं।

संसदीय कार्य, कृषि, पशुपालन, मछलीपालन, जल संसाधन तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है। यहां की 85 प्रतिशत आबादी कृषि और संबद्ध क्षेत्रों पर निर्भर है, बांकी अन्य 15 प्रतिशत भी इन्हीं से जुड़े हुए हैं। हमने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कृषि को केन्द्र में रखकर कार्य किया। इस कारण आज कृषि तथा अन्य संबंधित क्षेत्रों में प्रगति हो रही है। बीजापुर जैसे क्षेत्र में जहां साल में दो से तीन ट्रैक्टर की बिक्री होती थी, वहां ट्रैक्टर की दुकान खुल गई है। उन्होंने कहा कि कृषि तथा उससे संबद्ध विभाग के बजट में वर्ष 2019-20 की तुलना में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जहां वर्ष 2017-18 में 38.81 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 8623.5 हजार मीटरिक टन धान का उत्पादन हुआ, वहीं यह वर्ष 2022-23 में 39 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 140 लाख मीटरिक टन उत्पादन अनुमानित है। वर्ष 2017-18 में 12 लाख किसानों से 57 लाख मीटरिक टन धान की खरीदी की गई थी, जबकि 2022-23 में 23.42 लाख किसानों से 107 लाख मीटरिक टन धान की खरीदी की गई। उन्होंने कहा कि विगत चार वर्षों में रबी फसलों के रकबे में 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साथ ही दलहनी फसलों के क्षेत्र में 84 हजार हेक्टेयर और लघु धान्य फसलों (कोदो, कुटकी व रागी) के रकबे में 40 हजार हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। 

विधानसभा में आज संसदीय कार्य, कृषि, पशुपालन, मछलीपालन, जल संसाधन तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित अनुदान मांगों पर चर्चा में विधायक सर्वश्री अजय चंद्राकर, दलेश्वर साहू, पुन्नूलाल मोहले, राजमन बेंजाम, शिवरतन शर्मा, गुलाब कमरो, धर्मजीत सिंह, बृहस्पत सिंह, डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी, शैलेष पाण्डेय, धरमलाल कौशिक, केशव प्रसाद चंद्रा, श्रीमती संगीता सिन्हा, प्रमोद शर्मा, रामकुमार यादव, श्रीमती इंदु बंजारे और श्रीमती सावित्री मनोज मंडावी ने हिस्सा लिया।

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