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IGKV; कृषि विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों-कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़े,पखवाडे भर बाद भी नहीं मिला वेतन

0 राज्य शासन के साथ विश्वविद्यालय प्रशासन का तालमेल ठीक नहीं- आर्थिक स्थिति खराब

रायपुर, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों- कर्मचारियों को पखवाड़े भर बाद भी वेतन नहीं मिला है। इससे त्यौहारी मौसम में कर्मचारियों को भारी परेशानी हो रही है । राज्य सरकार से राशि प्रदाय नहीं किए जाने से यह स्थिति निर्मित होना बताया गया है।

बताया गया है कि राज्य शासन के साथ विश्वविद्यालय प्रशासन का तालमेल सौहाद्रपूर्ण नहीं होने के चलते यह स्थिति निर्मित हुई है। खबर है कि करीब 30 करोड रुपए की राशि विश्वविद्यालय को तीन माह के लिए आवंटित की गई है जबकि विश्वविद्यालय का वेतन खर्चा ही 14 से 15 करोड़ रुपए महीना है। इससे विश्वविद्यालय की जर्जर आर्थिक स्थिति का आंदाजा लगाया जा सकता है।

सूत्रों के अनुसार पिछले कुछ समय से राज्य सरकार और कृषि विश्वविद्यालय प्रबंधन के बीच सामंजस्य ठीक नहीं है। खासकर विश्वविद्यालय के लेखा नियंत्रक के क्रियाकलापों के चलते सरकार कुछ नाराज है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उद्यानिकी विश्वविद्यालय एवं पशुपालन विश्वविद्यालय को नियमित अंतराल में शासन से राशि आबंटित हो रही है लेकिन कृषि विश्वविद्यालय को राशि प्रदान करने में आनाकानी की जा रही है ।

यहां बता दें विश्वविद्यालय के सेवानिवृत प्राध्यापक -वैज्ञानिक भी पेंशन निर्धारण नहीं होने से परेशान है। साल -दो साल से वे पेंशन का इंतजार कर रहे है। इधर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में प्राध्यापकों एवं कृषि वैज्ञानिकों की भर्ती के लिए अचानक इंटरव्यू रोके जाने से विवाद की स्थिति निर्मित हो गई है। कतिपय शिकायत के चलते इंटरव्यू रोका जाना बाताया गया है ,लेकिन आगे की कार्रवाई के लिए राजभवन से कोई मार्गदर्शन नहीं मिला है।

बताया गया है कि इन्ही शिकवा शिकायतों के बीच वेतन के बारे में कोई पहल भी नहीं की जा रही है और राशि आवंटन में विलंब के चलते विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को अभी तक वेतन नहीं मिल पा रहा है। इसका खामियाजा विश्वविद्यालय के छोटे कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है। 

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