PULSES; दलहन-तिलहन उपार्जन के लिए 425 करोड़ रूपए मंजूर,1.22 लाख मी.टन उपार्जन होगा

*मार्कफेड सहकारी समितियों के माध्यम से 222 उपार्जन केंद्रों में करेगा उपार्जन
रायपुर, प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम आशा) के तहत प्राइस सपोर्ट स्कीम में छत्तीसगढ़ को दलहन और तिलहन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपार्जन की अनुमति मिल गई है। आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश के कृषि मंत्री रामविचार नेताम के बीच हुई चर्चा के बाद केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन में दलहन-तिलहन उपार्जन के लिए 425 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से खरीफ और रबी सीजन के लिए कुल 1 लाख 22 हजार मीट्रिक टन दलहन-तिलहन उपार्जन का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया था। इसमें खरीफ के लिए 50 हजार मीट्रिक टन और रबी के लिए 72 हजार मीट्रिक टन शामिल हैं।
फिलहाल केंद्र से खरीफ की फसलों के उपार्जन की अनुमति मिली है। इसके तहत अरहर 21 हजार 330 मीट्रिक टन, उड़द 25 हजार 530 मीट्रिक टन, मूंग 240 मीट्रिक टन, सोयाबीन 4 हजार 210 मीट्रिक टन और मूंगफली 4 हजार 210 मीट्रिक टन का उपार्जन किया जाएगा। इन फसलों के उपार्जन पर कुल 425 करोड़ रुपए खर्च होंगे। केंद्र सरकार ने मांग आने पर सोयाबीन और मूंगफली के लिए अतिरिक्त स्वीकृति देने का आश्वासन भी दिया है। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2025-26 के लिए अरहर का समर्थन मूल्य 8000 रूपए प्रति क्विंटल, मूंग का 8768 रूपए, उड़द का 7800 रूपए, मूंगफली का 7800 रूपए, सोयबीन का प्रति क्विंटल 5328 रूपए घोषित किया गया है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने समर्थन मूल्य पर दलहन-तिलहन उपार्जन के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की हैं। उपार्जन का कार्य राज्य में मार्कफेड के माध्यम से सहकारी समितियों द्वारा किया जाएगा। इसके लिए 22 जिलों में 222 उपार्जन केंद्र पहले ही अधिसूचित कर दिए गए हैं। किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया कृषि विभाग के एकीकृत किसान पोर्टल पर लगातार जारी है। जिन किसानों का पंजीयन अब तक नहीं हो पाया है, वे नजदीकी सहकारी समिति के माध्यम से पंजीयन कराकर योजना का लाभ उठा सकते हैं।




